सरूप चंद सिंगला थाम सकते हैं कमल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से विधायक व मुख्य संसदीय सचिव रह चुके सरूप चंद सिगला अब कमल को थाम सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 May 2022 03:23 AM (IST) Updated:Wed, 25 May 2022 03:23 AM (IST)
सरूप चंद सिंगला थाम सकते हैं कमल
सरूप चंद सिंगला थाम सकते हैं कमल

गुरप्रेम लहरी बठिडा

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से विधायक व मुख्य संसदीय सचिव रह चुके सरूप चंद सिगला अब कमल को थाम सकते हैं। सूत्रों के अनुसार उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के साथ कई मीटिगे हो चुकी हैं और लगभग सहमति बन चुकी है। हालांकि अभी तक वह चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं और कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनके करीबी बताते हैं कि वह भाजपा में किसी भी समय शामिल हो सकते हैं। विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को अलविदा कह दिया था। उन्होंने शिअद प्रधान व सरप्रस्त पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने बठिडा से कांग्रेस के प्रत्याशी मनप्रीत सिंह बादल का साथ दिया। इस सबंधी उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस करके सुबुत भी दिए थे कि शिअद प्रधान व सरप्रस्त के करीबी बठिडा में कांग्रेस की मदद के लिए आए हुए थे।

बिजनसमैन सरूप चंद सिगला ने शिअद से चार चुनाव लड़े हैं। 2007 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के प्रत्याशी हरमंदर सिंह जस्सी के हाथों हार गए थे। इसके बाद 2012 में उन्होंने दूसरी बार चुनाव लड़ा और कांग्रेस के हरमंदर सिंह जस्सी को हरा कर विधायक बने। इसके बाद उनको सीपीएस लगा दिया गया था। 2017 में उन्होंने तीसरी बार चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल चुनाव जीत गए थे। अब 2022 में उनके द्वारा चौथी बार विधानसभा चुनाव लड़ा गया और आम आदमी पार्टी के जगरूप सिंह गिल से चुनाव हार गए।

साफ-सुथरे अक्स वाले सरूप चंद सिगला ने जब से शिअद को अलविदा कहा है तब से उनके साथ सभी पार्टियों द्वारा राबता कायम किया जा रहा है, लेकिन अब तक किसी को भी उनके द्वारा हां नहीं कही गई है। सूत्रों के अनुसार सरूप चंद सिगला की भाजपा नेताओं के साथ कई मीटिगे हो चुकी हैं और वह किसी भी समय भाजपा में शामिल हो सकते हैं। मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। अभी मैं आराम करने के मूड में हूं। इसके बाद विचार बनाऊंगा कि क्या करना है। अब तक किसी भी पार्टी को मैंने हां नहीं कही है।

- सरूप चंद सिगला, पूर्व विधायक

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