चौथे मामले की न जांच शुरू हुई और न ही बनी कमेटी

डेढ़ माह में चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला गरमा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:37 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:37 PM (IST)
चौथे मामले की न जांच शुरू हुई और न ही बनी कमेटी
चौथे मामले की न जांच शुरू हुई और न ही बनी कमेटी

जासं,बठिडा : डेढ़ माह में चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला गरमा गया है। सिविल अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण चार मासूम बच्चों की जिदंगी दांव पर लग चुकी है। एक के बाद एक मामला सामने आने के बाद भी अस्पताल के अधिकारी अभी शिकायत का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह मामले की जांच शुरू कर सके। अस्पताल अधिकारियों की इस रवैये को लेकर पीड़ित परिवारों में रोष है और उनका कहना है कि इतने गंभीर मामले में अगर प्रबंधक लिखित शिकायत का इंतजार कर रहे हैं तो वह क्या उन्हें इंसाफ दे सकेंगे।

अक्टूबर से लेकर नवंबर में सिविल अस्पताल बठिडा के ब्लड बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाया जा चुका है। इसमें तीन पीड़ित बच्चों के स्वजनों ने एसएमओ को लिखित शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन बीते 24 नवंबर को एचआइवी संक्रमित आए नौ साल के बच्चे के स्वजनों की लिखित शिकायत का इंतजार सिविल अस्पताल के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, ताकि मामले की जांच शुरू करने के लिए टीम गठित की जा सके। ऐसे में अब सवाल यह भी उठने लगा है कि जिन तीन मामलों की पहले लिखित शिकायत दी गई है, उनमें कौन सा जांच पूरी कर आरोपितों पर कार्रवाई की जा चुकी है।

बच्चों को एचआइवी रक्त चढ़ाने का विरोध कर रही बठिडा थैलेसीमिया एसोसिएशन के प्रधान समेत तीन लोगों के खिलाफ सिविल अस्पताल प्रबंधन ने मारपीट व अभद्र व्यवहार करने का मामला दर्ज करवा दिया। इसे सामाजिक संस्थाओं के साथ एसोसिएशन का आरोप है कि सिविल अस्पताल के अधिकारी अपनी लापरवाही को छिपाने व मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए इस तरह की कारगुजारी कर रहे हैं। बठिडा सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में चार बच्चों को एचआइवी रक्त चढ़ाया गया है। ब्लड डोनर की तरफ से दिए रक्त का मैक टेस्ट ही नहीं किया गया व आगे बच्चे को रक्त चढ़ा दिया। यह लापरवाही अभी बंद नहीं हुई है। सिविल अस्पताल में 40 बच्चों का उपचार चल रहा है। इसमें अभी केवल 20 बच्चों के जांच की गई है जबकि रहते 20 बच्चों की स्थिति क्या है व कही उन्हें गलत रक्त तो नहीं चढ़ाया गया इसे लेकर आज तक जांच नहीं की गई। आम आदमी पार्टी ने दिया डीसी का मांगपत्र

आम आदमी पार्टी के वर्करों ने डीसी को मांग पत्र देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने व आरोपित अफसरों पर की मांग रखी। वहीं परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन करने की घोषणा की है। आप के बठिडा देहाती के जिला प्रधान गुरजंट सिंह और मौजूदा लीडरशिप ने कहा कि यह मसला बहुत गंभीर है डाक्टरों की गलती के कारण पता नहीं कितने परिवारों के बच्चे एचआईवी से हुए हैं, वह लगभग गरीब परिवार हैं। उन्होंने परिवारों को इलाज के लिए दस लाख रुपये का और परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी रखी। इस मौके पर आप के जिला जनरल सचिव राकेश पुरी बठिडा शहरी के चारों ब्लाक प्रधान प्रदीप कालिया, प्रदीप मितल, बलजीत बल्ली सिंह सीनियर आप नेता, बलदेव सिंह, मनजीत सिंह मोड़, विक्रम लवली, रामफल, रामचंद्र, अनिल कुमार, बलजीत मान, प्रगट सिंह, हरजीत सिंह मौजूद थे।

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