जब हम बोलना सिखते हैं तभी गणित हमारे जीवन में शामिल हो जाता है : प्रो. शर्मा

संरक्षण में रीसेंट एडवांसेज इन एल्जेबरा विषय पर एक आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 04:50 PM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 04:50 PM (IST)
जब हम बोलना सिखते हैं तभी गणित हमारे जीवन में शामिल हो जाता है : प्रो. शर्मा
जब हम बोलना सिखते हैं तभी गणित हमारे जीवन में शामिल हो जाता है : प्रो. शर्मा

संस, बठिडा : पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के गणित और सांख्यिकी विभाग की ओर से कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी तिवारी के संरक्षण में रीसेंट एडवांसेज इन एल्जेबरा विषय पर एक आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया। आइआइटी दिल्ली के गणित विभाग के चेयर प्रो. आरके शर्मा इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सीयूपीबी के गणित और सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गौरी शंकर ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के थीम पर प्रकाश डाला। इसके बाद डा. अशोक के पाठक ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। अपने मुख्य भाषण में प्रो. आरके शर्मा ने बताया कि गणित हमारे जीवन में उस समय से शामिल हो जाता है जब हम बोलना सीखते हैं और यह जीवन भर हमारे साथ रहता है। उन्होंने बीजगणित को गणित के एक भाग के रूप में परिभाषित किया, जो संख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रतीकों और उन प्रतीकों के प्रबंधन के नियमों से संबंधित है। उन्होंने बीजगणित की विभिन्न शाखाओं पर चर्चा की और कहा कि हम अपने दैनिक जीवन में दूरी की गणना करने के लिए, किसी क्षेत्र की परिधि, किसी वस्तु का आयतन, लागत अनुमान, समय संबंध आदि की जांच करने के लिए बीजगणित का उपयोग करते हैं।

उन्होंने क्रिप्टोग्राफी के क्षेत्र में बीजगणित की उपयोगिता पर भी प्रकाश डा. जिसका मोबाइल कालिग, मैसेजिग, सुरक्षित नेटवर्क संचार, सिग्नल प्रोसेसिग, प्रमाणीकरण, डिजिटल हस्ताक्षर, टाइम स्टैम्पिग, इलेक्ट्रानिक मनी ट्रांसफर और अन्य कार्यों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। उन्होंने युवाओं को अपने कैरियर की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए बीजगणित में विशेष कौशल विकसित करने के लिए प्रेरित किया। अंत में डॉ. हरमनप्रीत सिंह कपूर ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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