हलका रिपोर्ट मौड़ मंडी : सिंचाई मंत्री नहीं दिला सका नहरी पानी, इंसाफ का इंतजार कर रहे बम ब्लास्ट के पीड़ित

वर्ष 2012 में तलवंडी साबो और जोगा से अलग होकर बने मौड़ विधानसभा हलके की पिछले दस सालों में नाममात्र ही विकास हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 10:45 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 10:45 PM (IST)
हलका रिपोर्ट मौड़ मंडी : सिंचाई मंत्री नहीं दिला सका नहरी पानी, इंसाफ का इंतजार कर रहे बम ब्लास्ट के पीड़ित
हलका रिपोर्ट मौड़ मंडी : सिंचाई मंत्री नहीं दिला सका नहरी पानी, इंसाफ का इंतजार कर रहे बम ब्लास्ट के पीड़ित

नितिन सिगला, बठिडा : वर्ष 2012 में तलवंडी साबो और जोगा से अलग होकर बने मौड़ विधानसभा हलके की पिछले दस सालों में नाममात्र ही विकास हुए हैं। 2012 में पहली बार विधानसभा बनने के बाद विधायक जनमेजा सिंह सेखों को शिअद ने कैबिनेट में शामिल कर उन्हें सिचाई मंत्री बनाया था। लोगों का आरोप है कि पांच साल तक सिचाई मंत्री रहने के बाद भी वह मौड़ हलके के लोगों को पीने के लिए नहरी पानी तक उपलब्ध नहीं करवा सके। इसके चलते पिछले दस सालों से मौड़ हलके के लोग आज भी जमीनी पानी पीने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार ने मौड़ खुर्द को मौड़ मंडी से जोड़ने के लिए रेलवे अंडरग्राउंड पुल का निर्माण करने का नींव पत्थर रखा गया था। पंद्रह साल के बाद इसका काम शुरू नहीं हो सका है। इसके साथ ही मौड़ हलके में कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से फंड भी जारी किया गया, लेकिन आज तक वह नहीं बन सका है। दूसरी तरफ 2017 में आम आदमी पार्टी से विधायक बने जगदेव सिंह कमालू विपक्ष में होने के बाद भी मौड़ हलके की मूलभूत सुविधाएं तक नहीं उपलब्ध करवा पाएं। इस क्षेत्र में न तो सीवरेज समस्या का हल हो सका है और न ही सिविल अस्पताल को अपग्रेड किया जा सका। काफी पुराना सीवरेज सिस्टम होने और उसकी सालों से सफाई न होने के कारण सीवेरज जमा की समस्या आए दिन बनी रहती है। बूंदाबांदी के बाद पूरी मंडी में जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है। मौड़ मंडी में की सड़कें कुछ माह पहले बनी है। मंडी के लोगों का कहना है कि दस साल किसी भी सरकार ने विकास नहीं किया है। सभी ने विकास के नाम पर गुमराह ही किया है। विधायक जगदेव सिंह कमालू का दावा है कि अपने विधान सभा हलके में विकास करवाएं है। कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने मौड़ हलके के लिए करोडों रुपये का फंड भी जारी करवाया, जोकि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किए गए।

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ये काम नहीं हुए

-गांधी बस्ती मौड़ खुर्द को शहर से जोड़ने के लिए 26 सितंबर 2006 में अंडरग्राउंड रेलवे पुल निर्माण का उद्धाटन किया था। वर्ष 2009 में लोक निर्माण विभाग ने रेलवे को 6.31 लाख रुपये भी जमा करवाए थे, लेकिन अंडरब्रिज का काम शुरू नही हुआ। उक्त क्षेत्र में रेलवे पुल बन जाने से 50 हजार से ज्यादा आबादी को आवागमन का सुलभ साधन उपलब्ध होना था।

-- मौड़ मंडी के सिविल अस्पताल को अपग्रेड नहीं किया गया। इस कारण मौड़ मंडी के लोगों को अपना इलाज करवाने के लिए 50 किलोमीटर दूर बठिडा शहर में आना पड़ता है। हालांकि, सरकार ने मौड़ अस्पताल को अपग्रेड करने की योजना बनाई थी और बजट में इससे पास भी किया था, लेकिन आज तक काम शुरु नहीं हो सका। इसके कारण मौड़ हलके के लोगों को अच्छी सेहत सुविधाएं नहीं मिल रही है।

-साल 2017 के विधान सभा चुनाव के दौरान मौड़ मंडी में हुए बम ब्लास्ट का मामला पांच साल बाद में ट्रेस नहीं हो सका और नहीं ब्लास्ट करने वाले लोगों को पकड़ा जा सका है। इस कारण इस बम ब्लास्ट में अपने को खोने वाले परिवार आज भी इंसाफ का इंतजार कर रहे है, जबकि मामले की जांच करने के लिए दो एसआईटी बन चुकी है, लेकिन आज तक कोई भी एसआईटी यह पता नहीं लगा पाई है कि इस साजिश के पीछे कौन था।

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ये काम करवाएं

मौड़ मंडी में हाल ही में नई सड़कों का निर्माण करवाया गया, जबकि गलियों को पक्का करने के अलावा नालियां का भी निर्माण करवाया गया। यह काम छह माह पहले ही शुरू हुए हैं।

- सरकारी स्कूल को अपग्रेड किया गया है। कई स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में तबदील किया गया। जिसके चलते सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलनी शुरू हुई है।

--मौड़ मंडी के गांव भाई बख्तौर पर ओवरब्रिज का निर्माण शुरू करवाया गया, जोकि बनकर तैयार हो चुका है और आम लोगों के लिए शुरू कर दिया गया। इसके बाद इलाके के लोगों को काफी राहत मिली है।

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हमारे प्रत्याशी

मौड़ हलके साल 2012 में शिअद के जनमेजा सिंह सेखो विधायक बने, तो 2017 में आम आदमी पार्टी से जगदेव सिंह कमालू विधायक बने। वहीं अब 2022 में कांग्रेस पार्टी ने डा. मंजू बांसल को उम्मीदवार उतारा है, जबकि शिअद ने सांसद रह चुके जगमीत सिंह बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा है। इसी तरह आम आदमी पार्टी ने सुखबीर सिंह माइसरखाना को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि पूर्व गैंगस्टर और समाजसेवक बन चुके लक्खा सिधाणा ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर मौड़ हलके से अपना दवाब ठोंका है, जबकि भाजपा की तरफ से अपना कोई भी उम्मीदवार अभी तक घोषित नहीं किया है।

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