दुख की घड़ी में मिटी बादल परिवार के दिलों की दूरियां, परिवार के रिश्तों की डोर थे गुरदास

प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई गुरदास सिंह बादल के अंतिम संस्कार में बादल परिवार के दिलों की दूरियां मिट गई। गुरदास परिवार के रिश्तों की डोर थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 09:26 AM (IST) Updated:Sat, 16 May 2020 09:26 AM (IST)
दुख की घड़ी में मिटी बादल परिवार के दिलों की दूरियां, परिवार के रिश्तों की डोर थे गुरदास
दुख की घड़ी में मिटी बादल परिवार के दिलों की दूरियां, परिवार के रिश्तों की डोर थे गुरदास

बठिंडा [गुरप्रेम लहरी]। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई गुरदास सिंह बादल का गत दिवस गांव बादल के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया। दुख की इस घड़ी में बादल परिवार की दिलों की दूरियांं भी मिट गईं। अंतिम संस्कार में मनप्रीत बादल के साथ सुखबीर सिंह बादल ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया। यही नहीं मुखाग्नि ने भी दोनों भाइयों ने साथ दी।

यही नहीं, अंतिम संस्कार करने के बाद मनप्रीत बादल श्मशानघाट में अपने ताया प्रकाश सिंह बादल के पास पहुंचे तो फफक कर रो पड़े। कहा, ताया जी, मां तो बाद बापू जी वी चले गए। इस पर बादल की आंखें भर आईं। मनप्रीत के कंधे पर हाथ रख कहा, कोई न पुत्त, हौसला रख, मैं हैगां। इसके बाद बादल ने मनप्रीत के बेटे अर्जुन को भी हौसला रखने के लिए कहा।

90 वर्षीय गुरदास बादल का वीरवार रात मोहाली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। भाई के पार्थिव शरीर को देख कर प्रकाश सिंह बादल फफक कर रो पड़े। उनको सुखबीर बादल ने संभाला और ले जाकर गाड़ी में ही बैठा दिया। गाड़ी में बैठे भी वे रोते ही रहे।

बादल परिवार के रिश्तों की डोर थे गुरदास

गुरदास बादल, बादल परिवार के रिश्तों की डोर थे। यही नहीं, बादल गांव में दास व पाश की जोड़ी बहुत मशहूर हुआ करती थी। क्योंकि दोनों भाइयों प्रकाश सिंह बादल व गुरदास बादल में बहुत ज्यादा प्यार था। गांववासी उनको राम व लक्ष्मण की जोड़ी कह कर भी बुलाते थे। मनप्रीत बादल के बागी हो जाने के कारण मनप्रीत से थोड़े मतभेद हो गए लेकिन फिर भी वे सियासी रंजिशों से ऊपर उठकर गुरदास बादल से अकसर ही मिलते थे। दोनों भाइयों को अफसोस रहा कि वे उनके बेटों के मामले को संभाल नहीं पाए। भले ही मनप्रीत व सुखबीर बादल में काफी मतभेद हैं, लेकिन दोनों के ही बच्चों का गुरदास बादल व प्रकाश सिंह बादल से बहुत प्रेम था।

जन्म दिन पर दास को भेंट की थी फोटो

प्रकाश सिंह बादल के जन्म दिन के मौके पर गुरदास बादल उनके घर पहुंचे और उन्हें केक खिलाया। इसके बाद पूरे परिवार ने जश्न मनाया। बादल ने अपने छोटे भाई गुरदास बादल को दोनों भाइयों की एक फोटो फ्रेम करा कर गिफ्ट की।

मैं नि:शब्द हो गया हूं: बादल

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भले ही पांच बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनका अपने छोटे भाई के प्रति प्यार व स्नेह जगजाहिर है। भले ही सुखबीर बादल और मनप्रीत बादल के बीच रिश्ते बिगड़ गए, लेकिन प्रकाश सिंह बादल और गुरदास बादल के रिश्तों में कभी खटास नहीं आई। अपने छोटे भाई के निधन पर बादल ने कहा, मैं नि:शब्द हो गया हूं। मेरे पास अपना दुख व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। बादल ने अपने ट्विट में लिखा, मैं अपने जीवन में कभी भी इतना अकेला नहीं हुआ। बादल ने लिखा मैं अपने भतीजे मनप्रीत और ब'चों के बारे में सोच रहा हूं। दुआ करता हूं कि उन्हेंं इस दुख से लडऩे के लिए मजबूती मिले।

कैप्टन व जाखड़ ने भी जताया शोक

वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल के पिता गुरदास बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कैप्टन ने कहा यह मनप्रीत बादल और उनकी बहन यह अपूर्णीय क्षति है। प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने भी गुरदास बादल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह कभी पूरी नहीं होने वाली क्षति है। वहीं, पंजाब विधान सभा के स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और सभी कैबिनेट मंत्रियों ने दुख प्रकट किया है।

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