एक हजार कोरोना टेस्ट में हररोज मिल रहे पांच इनकलक्लूसिव टेस्ट रिपोर्ट

कोरोना केसों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों को कोरोना टेस्टों करने की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 10:29 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 10:29 PM (IST)
एक हजार कोरोना टेस्ट में हररोज मिल रहे पांच इनकलक्लूसिव टेस्ट रिपोर्ट
एक हजार कोरोना टेस्ट में हररोज मिल रहे पांच इनकलक्लूसिव टेस्ट रिपोर्ट

नितिन सिगला, बठिडा : प्रदेश भर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना केसों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों को कोरोना टेस्टों करने की संख्या बढ़ाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए सभी जिलों का कोरोना टेस्ट करने का लक्ष्य भी तय किया हुआ। बठिडा जिलें में 1450 कोरोना टेस्ट का लक्ष्य रखा गया हैं। इसमें 50 फीसदी टेस्ट आरटीपीसीआर और 50 फीसदी एंटीजन रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं। आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट एक से दो दिन में आ रही है, रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट हर आधे घंटे में मिल रही है, जिसका मकसद कम समय में ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट कर मरीजों की पहचान की जा सके। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी मरीजों सामने आ रही है, जिनकी रिपोर्ट ना तो पॉजिटिव और नहीं निगेटिव। इस तरह की रिपोर्ट को सेहत विभाग इनकलक्लूसिव कहता हैं, जोकि सेहत विभाग के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। हालांकि बठिडा जिले में इस तरह के केस बहुत कम आ रहे है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की मानने, तो हररोज होने वाले कोरोना टेस्ट में चार से पांच केसों की रिपोर्ट इनकलक्लूसिव मिल रही हैं, जिसका सही फैसला करने के लिए मरीज का दोबारा टेस्ट किया जाता हैं। तब तक मरीज को या तो होम आइसोलेट किया जाता है या फिर उसे सेहत विभाग की तरफ से बनाएं गए क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती किया जाता हैं। सिविल अस्पताल के जिला टीकाकरण आफिसर व कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. कुंदन पाल कुमार ने बताया कि बठिडा जिले में इस तरह के मामले बहुत कम ही हैं। अगर बठिडा जिले में हररोज एक हजार से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं। इसमें तीन से चार सैंपल की रिपोर्ट इनकलक्लूसिव मिल रही है, जबकि 99 फीसदी टेस्टों की रिपोर्ट पॉजिटिव या निगेटिव ही मिल रही हैं। उनका कहना है कि यह समस्या टेस्ट सही तरीके से नहीं लिए जाने या फिर टेस्ट लेते समय कोई चूक होने के कारण यह रिपोर्ट मिलती है। जिन मरीजों की इनकलक्लूसिव रिपोर्ट मिलती है, तो सेहत विभाग की टीम उसे दोबारा अस्पताल बुलाकर उसका कोरोना टेस्ट लिया जाता है और उसे तब तक क्वारंटाइन रखा जाता हैं, जबतक उसकी रिपोर्ट विभाग को मिल ना जाएं। डॉ. कुंदन ने बताया कि कंफर्म के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया जाता हैं।

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