दो घंटे का नियम भूल दीवाली पर देर रात तक चले पटाखे

जिले में दीवाली शनिवार को धूमधाम से मनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Nov 2020 05:00 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2020 05:59 AM (IST)
दो घंटे का नियम भूल दीवाली पर देर रात तक चले पटाखे
दो घंटे का नियम भूल दीवाली पर देर रात तक चले पटाखे

जासं, बठिडा : जिले में दीवाली शनिवार को धूमधाम से मनाई गई। शहर में घरो को सजाकर लोगों ने अपने-अपने तरीके से दीवाली मनाई। मगर प्रशासन की ओर से पटाखे चलाने को लेकर जारी किए गए आदेश धुएं के साथ हवा में उड़ते हुए नजर आए। प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार पटाखे चलाने का समय रात 8 से 10 बजे तक तय किया गया था। लेकिन शहर में रात 12 बजे तक पटाखे चलते रहे। इसमें एक लापरवाही तो यह भी रही कि प्रशासन सिर्फ आदेश जारी करने तक सीमित रहा, जबकि जो लोग देर तक पटाखे चलाते रहे उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। इसी का नतीजा रहा कि बठिडा में दीवाली के अगले दिन यानि कि रविवार को प्रदूषण का स्तर 360 पर पहुंच गया। हालांकि गत वर्ष दीवाली के बाद यह 280 था।

दूसरी तरफ दीवाली की आड़ में किसानों ने भी जमकर पराली जलाई। जिले में अब तक 500 से ज्यादा स्थानों पर पराली जलाकर किसानों के चालान काटे जा चुके हैं। लेकिन किसी से भी एक रुपये की अभी तक रिकवरी नहीं हुई। यहां तक कि जिन किसानों ने पराली जलाई, उनकी जमीन को माल विभाग के रिकार्ड में रेड एंट्री कर दर्ज किया जाना था। जबकि इसकी रिपोर्ट भी भेजी गई है, जिनको अभी तक रेड एंट्री में दर्ज करने का काम नहीं किया गया। इसके अलावा प्रशासन ने चेतावनी दी कि जिन किसानों के द्वारा पराली को जलाया जाएगा, उन पर केस भी दर्ज किया जाएगा। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि प्रशासन की इसी ढीली कार्रवाई के कारण जिले में किसानों ने अब पराली को आग लगा दी। बेशक जिले में अभी तक पराली जलाने की घटनाएं गत वर्ष के मुकाबले काफी कम हैं, लेकिन इन दिनों में कोरोना के साथ साथ हवा का खराब होना, लोगों की सेहत के लिए ठीक भी नहीं है। पटाखों के स्टालों पर टूटे नियम

जिले में जहां पर भी पटाखों के स्टाल लगाए गए, वहां पर एक स्टाल पर तीन से चार लोगों ने अपने अपने अड्डे लगाए। हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार बेशक प्रशासन पिछले तीन साल से लगातार जिले में पटाखों के स्टालों को कम कर अलाट कर रहा है। मगर हकीकत में जितने स्टाल अलाट होते हैं उससे कई गुणा स्टालों पर पटाखों के अड्डे होते हैं। जबकि पटाखों के स्टाल कम करने को लेकर तीन साल पहले काफी विवाद भी हुआ था। इसके बाद दुकानदार पूल करने लगे। असल में प्रशासन ने 34 स्टालों को अलाट किया था, जिसमें कई-कई अड्डे थे। इसके पीछे का कारण है कि जो लोग पटाखों के स्टाल लेने के लिए अप्लाई करते हैं, वह पहले से ही पटाखे खरीद कर रखे लेते हैं। ऐसे में बाद में जिन लोगों के स्टाल निकलते हैं, वह दूसरे साथियों के साथ मिलकर अपने-अपने अड्डे लगा लेते हैं। इसकी एवज में पटाखा विक्रेताओं से पैसे भी लिए जाते हैं। इस कारण वीरवार को स्टेडियम में स्टाल लगाते वक्त हंगामा भी हुआ था। बठिडा के स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में पटाखों की 16 स्टाल अलाट होने के बाद भी 38 अड्डे थे। विजिबिलिटी कम होने से लोग परेशान

अक्टूबर पूरा ड्राई निकलने से मौसम पर इसका बहुत ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है। वातावरण में पराली का धुआं मिक्स होने से नमी बढ़ने लगी है। इसके चलते रविवार को धुआं लोगों के लिए परेशानी बना रहा। रात के समय तो विजिबिलिटी बहुत ही कम हो गई। इसके चलते लोग रात के समय सड़कों पर भटकते रहे तो मुख्य हाईवे सड़कों पर वाहन हादसों का शिकार होने लगे। वहीं दिन के समय ही वाहनों की लाइटों को जलाकर जाना पड़ रहा है। यह रहना चाहिए प्रदूषण का स्तर

नार्मल प्रदूषण 60 से 100 के बीच रहना चाहिए। जो इन दिनों धुएं के कारण 250 से 400 हो गया है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार 2015 में प्रदूषण की एवरेज मात्रा 111 आरएसपीएम रही तो 2016 में यह 117 हो गई। जबकि 2017 में 120 के पार कर गई। पीपीसीबी के मुताबिक 2018 में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 350 के बीच रही। मगर इस बार यह 250 से 400 के बीच हो गया है। जिसको नार्मल 60 से 100 के बीच रहना चाहिए। इसके तहत प्रदूषण का लेवल दिवाली से पहले 10 नवंबर को प्रदूषण का स्तर 187, 11 नवंबर को 190, 12 नवंबर को 191, 13 नवंबर को 195 रहने के अलावा दीवाली वाले दिन 14 नवंबर को 236 रहा तो अब 15 नवंबर को 360 हो गया।

ऐसे समझे प्रदूषण का लेवल लेवल कैसा असर

0-50 गुड कोई असर नहीं

51-100 संतोषजनक कमजोर लोगों के लिए हल्की सी सांस लेने की दिक्कत

101-200 ठीकठाक अस्थमा, दिल, फेफड़ों के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत

201-300 पुअर लोगों को सांस लेने में दिक्कत

301-400 वेरी पुअर बीमार होने के साथ साथ कई रोग

401-500 खतरनाक स्वस्थ शरीर वाले लोगों की सेहत पर भी असर

लोगों ने धूमधाम से मनाई दीवाली

उल्लास और दीपों का त्योहार दीवाली धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धा से कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा की और मिठाइयों का आनंद लिया। दीवाली वाले दिन लोग तैयार होकर अपने परिचितों का बधाई देने के लिए घर से निकल पड़े। लोगों ने मिठाई व उपहार देकर एक-दूसरे को त्योहार की शुभकामना दी। शाम होते होते शहर में हर तरफ रोशनी ही रोशनी थी। लोगों ने अपने घरों व दुकानों को फूलों, दीपों व बिजली की झालरों से सजाया। शाम को पारंपरिक ढंग से लक्ष्मी गणेश का पूजन किया गया। इसके बाद लोगों ने बच्चों के साथ आतिशबाजी का आनंद लिया। इसके अलावा बाजारों में लोगों ने खूब खरीदारी भी की।

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