राजस्व मंत्री के बेटे को बनाया चेयरमैन, डायरेक्टर ने किया विरोध

जिला परिषद के चुनावों की तरह को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन का चुनाव भी विवादग्रस्त रहा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 06:12 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:13 AM (IST)
राजस्व मंत्री के बेटे को बनाया चेयरमैन, डायरेक्टर ने किया विरोध
राजस्व मंत्री के बेटे को बनाया चेयरमैन, डायरेक्टर ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, बठिडा : जिला परिषद के चुनावों की तरह को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन का चुनाव भी विवादग्रस्त रहा। बेशक इस चुनाव को लेकर नौ डायरेक्टरों की हुई मीटिग में राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के पुत्र हरमनवीर सिंह जैसी कांगड़ को बठिडा सहकारी बैंक का चेयरमैन चुन लिया गया। कौर सिंह को वाइस चेयरमैन का पद दिया गया। इस चुनाव को लेकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की हुई मीटिग में सर्वसम्मति से यह एलान किया गया। वहीं दूसरी तरफ चेयरमैन पद के दावेदार सीनियर कांग्रेस नेता टहल सिंह संधू ने गैर संवैधानिक ढंग से चुनाव करवाने के आरोप लगाए हैं। यह चुनाव जिला रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं बलविदर सिंह की निगरानी में हुआ। इसमें वित्त मंत्री के नजदीक एडवोकेट सुखदेव सिंह भिडर को चंडीगढ़ बैंक के लिए प्रतिनिधि चुन लिया गया। चुनाव के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।

इस चुनाव में चेयरमैन चुने जाने के बाद जैसी कांगड़ को जिला कांग्रेस के पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह भलेरिया की अगुआई में कुर्सी पर बिठाया गया। सीनियर कांग्रेस नेता टहल सिंह संधू के लगाए गए आरोपों पर जैसी ने कहा कि उनको सभी डायरेक्टरों ने सर्वसम्मति के साथ चुना है। उनके द्वारा अब बैंक के साथ-साथ किसानों की बेहतरी के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। मीटिग में डायरेक्टर टहल सिंह संधू, कौर सिंह, गुरभगत सिंह, अमरजीत सिंह अम्मू भुच्चो कलां, नवतेज सिंह मेहराज, राजवीर सिंह जय सिंह वाला, जसवीर सिंह कोरेयाना व सुखदेव सिंह भिडर भी शामिल हुए। लेकिन इस चुनाव में टहल सिंह संधू ने एजेंडे पर साइन करने से मना कर दिया। कुर्सी पर बिठाने के लिए नहीं गए संधू चुनाव में राजस्व मंत्री के पुत्र जैसी कांगड़ को चेयरमैन का पद दिया गया तो उनको कुर्सी पर बिठाने के लिए कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ डायरेक्टरों को भी बुलाया गया। मगर डायरेक्टर चुने गए टहल सिंह संधू मीटिग से बाहर आ गए और चेयरमैन के कमरे में भी नहीं गए। कांग्रेस नेताओं ने उनको मनाने की कोशिश तो की, लेकिन उन्होंने चेयरमैन के चार्ज संभालने वाले कमरे में जाने से इन्कार कर दिया। वहीं जिला कांग्रेस के पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह भलेरिया व राजस्व मंत्री के पीए लाली ने भी संधू को अंदर आने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं माने।

संधू ने दी हाईकोर्ट

जाने की चेतावनी चेयरमैन पद के दावेदार टहल सिंह संधू ने आरोप लगाया कि सरकारी बैंक के चुनाव में लोकतंत्र को पूरी तरह से अनदेखा किया गया है। अपने बेटे को चेयरमैन बनाने के लिए राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने उनको पीछे कर दिया है। ऐसे कांग्रेस नेताओं के कारण ही कांग्रेस का बुरा हाल हो रहा है। उन्होंने बताया कि चेयरमैन के चुनाव के लिए पहले मंजूरी लेनी होती है, मगर वह नहीं ली गई। यहां तक कि 14 फरवरी को मीटिग का एजेंडा भी चुपचाप निकाल दिया गया, जिसके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं दी गई। जबकि चेयरमैन का चुनाव करने के लिए उनको अंधेरे में रखा गया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि वह इस मामले को पहले मुख्यमंत्री के दरबार में लेकर जाएंगे, अगर वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं। सर्वसम्मति से हुआ चुनाव : आरओ बलविदर सिंह इस चुनाव के रिटर्निंग अफसर (आरओ) डीआर बलविदर सिंह ने बताया कि चेयरमैन का चुनाव न होने के कारण बैंक का काम प्रभावित हो रहा था। इस कारण डायरेक्टरों की इमरजेंसी मीटिग बुलाई गई, जिसमें चेयरमैन व वाइस चेयरमैन का सर्वसम्मति से चुनाव हुआ। उन्होंने दावा किया कि 15 फरवरी को मीटिग का एजेंडा सभी डायरेक्टरों को भेजा गया था।

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