निगम प्रॉपर्टी टैक्स पर सख्त, दो दुकानें सील, तीन ने टैक्स चुका छुड़ाई जान

करीब आठ करोड़ रुपये के वर्षो से बकाया प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर नगर निगम सख्त हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Sep 2019 12:28 AM (IST) Updated:Thu, 12 Sep 2019 12:28 AM (IST)
निगम प्रॉपर्टी टैक्स पर सख्त, दो दुकानें सील, तीन ने टैक्स चुका छुड़ाई जान
निगम प्रॉपर्टी टैक्स पर सख्त, दो दुकानें सील, तीन ने टैक्स चुका छुड़ाई जान

सुभाष चंद्र, बठिडा

करीब आठ करोड़ रुपये के वर्षो से बकाया प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर नगर निगम सख्त हो गया है। निगम की हाउस एवं प्रॉपर्टी टैक्स शाखा की टीम बुधवार शाम को अचानक पुलिस कर्मियों को साथ लेकर सिरकी बाजार स्थित गोशाला मार्केट को निकल पड़ी। उन्होंने बकाया प्रॉपर्टी टैक्स की अदायगी नहीं करने पर दो दुकानों को सील कर दिया। जबकि तीन अन्य दुकानदारों ने मौके पर लगभग 65 हजार रुपये का बकाया टैक्स चुकाकर अपनी-अपनी दुकानों को सील होने से बचाया। निगम की टीम गोशाला मार्केट की पांच दुकानों को सील करने के लिए निकली थी। प्रॉपर्टी शाखा के सुपरिटेंडेंट प्रगट सिंह ने बताया कि इन पांच दुकानदारों को 2018 में सीलिग नोटिस जारी गए किए थे। लेकिन नोटिस के करीब एक साल बाद भी इन्होंने अपना बकाया टैक्स नहीं चुकाया। जिसके चलते निगम को कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा। जिन दुकानों को सील किया है, उनमें एक दुकानदार की ओर करीब 18 हजार तो दूसरे की तरफ करीब 15 हजार रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था। इसी कार्रवाई के दौरान ही टीम ने गोशाला मार्केट के बिलकुल सामने स्थित निगम की अपनी दुकानों में से एक किराएदार से 50 हजार रुपये का किराया भी वसूल किया है। इस दुकान के किराएदार की ओर से लंबे समय से निगम को किराया अदा नहीं किया जा रहा था। 50 दुकानदारों को अगले सप्ताह जारी होंगे सीलिग नोटिस

हाउस एवं प्रॉपर्टी शाखा के अनुसार इस गोशाला मार्केट की लगभग 100 दुकानों पर करीब 30 लाख रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। यह टैक्स 2013-14 से लेकर अब तक का है। इनसे टैक्स वसूल करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें से 50 दुकानदारों को अगले सप्ताह सीलिग नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अगर नोटिस जारी करने के तुरंत बाद दुकानदारों ने अपने टैक्स की अदायगी नहीं की तो उनकी दुकानों को सील करने की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। वर्ष 2013-14 से आठ करोड़ रुपये टैक्स बकाया

नगर निगम के अधीन शहर में कुल 57 हजार यूनिटों में 16 हजार कमर्शियल तथा बाकी रिहायशी यूनिट हैं। हालांकि रिहायशी यूनिटों पर भी करीब एक करोड़ रुपये हाउस टैक्स वर्ष 2012-13 से बकाया चला आ रहा है। लेकिन सर्वाधिक राशि प्रॉपर्टी टैक्स की है। जोकि करीब आठ करोड़ रुपये है। इसमें से लगभग साढ़े छह करोड़ रुपये केवल कमर्शियल यूनिटों की ओर प्रॉपर्टी टैक्स बकाया चला रहा है। जिनकी संख्या करीब 1800 है। जबकि 16 हजार रिहायशी यूनिटों की ओर डेढ़ करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। निगम इस बार इन टैक्सों की वसूली के लिए सख्त है। इस वित्तीय वर्ष में 11 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल बताते हैं कि साढ़े चार करोड़ रुपये की वसूली सितंबर के अंत तक कर ली जाएगी।

शाखा में स्टाफ की कमी से रिकवरी में रुकावट

निगम की तमाम शाखाओं की तरह ही हाउस एवं प्रॉपर्टी टैक्स शाखा में स्टाफ का टोटा है। मौजूद स्टाफ से दफ्तर के कामकाज ही निपटते हैं। ऐसे में किसी के टैक्स अदा न करने पर शाखा की ओर से न तो नोटिस बांटे जा पाते हैं और न ही टीमें रिक्वरी के लिए निकल पा रही है। रिक्वरी के लिए टीमें कभी कभार ही निकल पाती हैं। टैक्स की वसूली न हो पाने में सबसे बड़ी रुकावट स्टाफ की कमी ही है। प्रॉपर्टी शाखा में इस समय में तीन इंस्पेक्टर, दो सुपरिटेंडेंट, दो ही क्लर्क तथा चार चपरासी हैं। जबकि जरूरत आठ इंस्पेक्टरों, आठ क्लर्को और दस सेवादारों की है। यह काम आरजी रूप में अन्य शाखाओं से लगाए जाने वाले कर्मियों के वश का नहीं है। अधिकतर दुकानदारों ने अपने संस्थानों से निगम की यूआइडी नंबर की प्लेटें हटा रखी हैं। जिनका पता शाखा के स्थायी कर्मी ही लगा सकते हैं।

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