निगम ने गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल करने के लिए झोंकी ताकत

गार्बेज फ्री सिटी के एक हजार अंक हासिल करने के लिए नगर निगम ने इस बार पूरी ताकत झोंक दी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 05:44 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:44 AM (IST)
निगम ने गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल  करने के लिए झोंकी ताकत
निगम ने गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल करने के लिए झोंकी ताकत

जागरण संवाददाता, बठिडा : स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 की प्रतियोगिता में गार्बेज फ्री सिटी के एक हजार अंक हासिल करने के लिए नगर निगम ने इस बार पूरी ताकत झोंक दी है। वर्ष 2020 में गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल करने में नगर निगम बुरी तरह से असफल हो गया था। जिसका खामियाजा स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की प्रतियोगिता में राष्ट्रीय रैकिग में बुरी तरह से पिछड़ने से भुगतना पड़ा था। बेशक नगर निगम बठिडा पंजाब में प्रतियोगिता में अव्वल नंबर का खिताब हासिल करने में पहले दो बार की तरह ही कामयाब रहा। लेकिन राष्ट्रीय रैंकिग में 104वें स्थान पर पहुंच गया था। 2019 में 31वें नंबर पर था। जबकि नगर निगम की ओर से 2020 की प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर पहले दस की रैंकिग में आने के लिए जोर लगाया जा रहा था। लेकिन निगम ने इस बार गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल करने के लिए

अपनी सेनिटेशन शाखा के तमाम कर्मचारियों को इसमें उतार दिया है। निगम अधिकारियों ने कर्मचारियों की लगाई ड्यूटियां

नगर निगम गार्बेज फ्री सिटी की तमाम तैयारियां करके केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास गार्बेज फ्री सिटी के लिए अप्लाई करने जा रहा है। अप्लाई करने के करीब 20 दिनों के बाद केंद्रीय मंत्रालय की टीम सर्वेक्षण के लिए पहुंच जाती है। जिसके कुछ समय के बाद ही इसका परिणाम घोषित कर दिया जाता है। अगर निगम गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल करने में कामयाब हो जाता है तो इसके सीधे 1000 अंक मिलेंगे। जिसका स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में राष्ट्रीय रैंकिग में बड़ा लाभ मिलेगा। फिलहाल निगम ने इस रुतबे को हासिल करने के लिए तैयारिया शुरू कर दी हैं। निगम अधिकारियों के अनुसार इसके लिए छह सदस्यीय कमेटी बना दी गई है। एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया गया है। सेनिटेशन शाखा के कर्मचारियों की अलग-अलग वार्डों में ड्यूटिया लगा दी गई हैं। जोकि घर-घर और प्रत्येक व्यापारिक संस्थान से डोर टू डोर कचरा उठावाना यकीनी बनाएंगे। इसके साथ ही गीला-सूखा कचरा अलग अलग रखने के लिए भी लोगों को जागरूक करेंगे। निगम की ओर से न केवल तमाम गलियों में सफाई पर जोर दे दिया है, बल्कि जोरशोर के साथ नाइट स्वीपिग भी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा 50 किलो से अधिक कचरा पैदा करने वाले संस्थानों की पहचान करनी शुरू कर दी है। ताकि उन्हें गीले कचरे का स्वयं अपने स्तर पर निपटारा करने के लिए प्रेरित किया जा सकें। इस दौरान उनसे केवल सूखा कचरा ही निगम के मिन्नी टिप्परों की ओर से लिया जाएगा। निगम अधिकारियों ने गलियों-बाजारों में कचरा फेंकने वालों, कचरे को आग लगाने वालों पर भी कड़ी नजर रखते हुए उन्हें जुर्माना करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

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