सीएम ने फेसबुक पर दिया भरोसा, नहीं तोड़ी जाएंगी बठिडा थर्मल की चिमनियां

विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के अलावा जत्थेबंदियों की ओर से संघर्ष शुरू कर दिया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Jun 2020 09:57 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jun 2020 09:57 PM (IST)
सीएम ने फेसबुक पर दिया भरोसा, नहीं तोड़ी जाएंगी बठिडा थर्मल की चिमनियां
सीएम ने फेसबुक पर दिया भरोसा, नहीं तोड़ी जाएंगी बठिडा थर्मल की चिमनियां

जागरण संवाददाता, बठिडा : बठिडा थर्मल प्लांट की जमीन पर इंडस्ट्री लगाने के पंजाब सरकार के फैसले के बाद विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के अलावा जत्थेबंदियों की ओर से संघर्ष शुरू कर दिया गया था। इसके बाद अब सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह ने बठिडा थर्मल प्लांट की चिमनियों को इसी प्रकार से रखने का भी ऐलान किया है। वह फेसबुक लाइव के दौरान 'कैप्टन नूं सवाल' कार्यक्रम कर रहे थे। इस दौरान कनाडा में रहते एक पंजाबी ने सीएम को सवाल किया था। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि उनका जिला भी बठिडा है, क्योंकि उनका पुराना गांव मेहराज इसी जिले में पड़ता है। इसके बाद सीएम ने भरोसा दिया कि थर्मल की चिमनियों को बठिडा की पहचान के रूप में संभालने की संभावनाओं का राज्य सरकार पता लगाएगी कि इनको किस प्रकार से सुरक्षित रखा जाए।

इसके अलावा बठिडा के ऐतिहासिक किले का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग इसकी संभाल कर रहा है। जबकि शहर की अन्य ऐतिहासिक महत्व की इमारतों, स्थानों को भी सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी विरासत से जुड़ी रहे। इसी प्रकार बठिडा जिले के एक ओर नौजवान रमन सिद्धू के सवाल के जवाब में कहा कि शनिवार को मिनी बसों के परमिटों को अप्लाई करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 15 जुलाई कर दी है। जिनका कहना है कि ऐसा बेरोजगारी को दूर करने के लिए किया गया है, जबकि राज्य सरकार द्वारा 1400 से अधिक ग्रामीण रूटों को कवर करने के लिए परमिट देने संबंधी आवेदन मांगे गए थे।

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के चिमनियों की संभाल करने के एलान के बाद अकाली दल व आप के नेताओं ने इसको लोगों के संघर्ष की जीत बताया है। इसके तहत अकाली दल के पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला ने बताया कि लोगों द्वारा किए गए संघर्ष के बाद ही आज कैप्टन सरकार ने अपने फैसले को बदला है। जबकि बठिडा थर्मल की चिमनियां ही शहर की पहचान हैं। लेकिन थर्मल को सरकार को बंद नहीं करना चाहिए। वहीं आप के मुख्य वक्ता नील गर्ग ने बताया कि बठिडा थर्मल की 2030 की मियाद है, जिसको चालू रखने के लिए हम सबको संघर्ष नहीं छोड़ना चाहिए। फिलहाल जो जीत है, वह संघर्ष की जीत है।

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