अब आधार कार्ड से ¨लक होंगे आर्म्स लाइसेंस
आर्म्स लाइसेंस रखने के इच्छुक लोगों के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है।
साहिल गर्ग, ब¨ठडा : आर्म्स लाइसेंस रखने के इच्छुक लोगों के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। क्योंकि अब बैंक खाते की तरह आर्म्स लाइसेंस को भी आधार कार्ड से ¨लक करने की तैयारी की जा रही है। यह काम क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रै¨कग नेटवर्किंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत किया जा रहा है। आर्म्स लाइसेंस इसलिए ¨लक किया जा रहा है ताकि पुलिस प्रशासन को अपने कंप्यूटर में एक क्लिक करते ही सारा रिकार्ड सामने आ जाए कि जिले में कितने आर्म्स लाइसेंसधारक हैं और किस के पास कौन सा हथियार है व कब खरीदा गया है। जबकि आर्म्स लाइसेंस धारक का लाइसेंस जब लोकल प्रशासन बनाता है तो उसका रिकार्ड प्रशासन के पास मौजूद होता है। उस समय धारक को एक यूआइडी नंबर दिया जाता है। जोकि मात्र उसी का होता है। इस यूआइडी नंबर को अब लोकल पुलिस मुलाजिम सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत आधार से ¨लक कर डाटा फीड कर रहे हैं। सारा डाटा ¨लक होने के बाद पुलिस एक ही क्लिक में ये पता लगा सकेगी कौन सा हथियार किसके नाम पर है।
सीनियर सिटीजंस का डाटा भी जुटाया जा रहा
आर्म्स लाइसेंस को बेशक अभी तक आधार कार्ड से ¨लक करने का काम शुरू नहीं किया गया है। लेकिन पुलिस अपने-अपने एरिया में सीनियर सिटीजंस का डाटा भी तैयार कर रही है। हर पुलिस स्टेशन में इसके लिए टीमें बनाई गई हैं। जो अपने-अपने एरिया में हर घर में जाकर सीनियर सिटीजन का पता लगा रही हैं। उनका नाम, पता, उम्र आदि जानकारियां एकत्रित कर पुलिस स्टेशन में बैठी सीसीटीएनएस टीम को देते हैं। जबकि यह सारी कार्रवाई बढ़ रहे क्राइम को रोकने के लिए की जा रही है। इससे पहले आर्म्स लाइसेंस को रिन्यू करवाने के लिए भी डोप टेस्ट अनिवार्य किया गया है, जिसमें जिन लोगों के टेस्ट फेल होते हैं उनको लाइसेंस जारी नहीं किया जाता। जबकि ऐसा करने से पुलिस का मानना है कि बढ़ रहे क्राइम के ग्राफ में कमी आएगी। ये डाटा किया जा रहा एकत्र-- यूआईडी नंबर।
-- आर्म्स लाइसेंस धारक का नाम व पता।
- उसके पास कितने हथियार हैं।
- यह हथियार उसने कब-कब ओर कहां से कितने के खरीदे।
- क्या एक धारक के पास एक ही हथियार है या उससे अधिक।
- हथियार के ऊपर अंकित नंबर ¨लक होगा।
- कौन सी कंट्री मेड है यह भी फीड किया जाएगा।
- धारक अपने हथियार को कहां-कहां पर कैरी कर सकता है यानि कि किस राज्य में लेकर जा सकता है।
- लाइसेंस बनाने के समय किन दस्तावेज पर प्रूफ के रूप में लगाया था। क्या अब लाइसेंस धारक वहां पर रहता भी है या शिफ्ट कर गया है। अगर शिफ्ट कर दिया गया है तो उसने अपने लाइसेंस पर पता बदलवाया है या नहीं? यह भी डाला लिया जाएगा।
-- लाइसेंस कब तक वेलिड है और कब डेट एक्सपायर हो रही है। ये होगा फायदा
सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत आर्म्स लाइसेंस और तमाम जानकारियां इसलिए आधार से ¨लक की जा रही हैं ताकि कोई फाय¨रग की घटना हो जाए तो पुलिस को तुरंत पता चल सके कि गोली किस हथियार से चलाई गई है। क्योंकि देश, हर राज्य व हर जिले का पुलिस स्टेशन सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से इंटर¨लक हो रहा है तो इस पर हर जानकारी मुहैया होगी। ऐसे में पुलिस को फायर करने वाले तक पहुंचने में आसानी होगी।
जिले में हैं 24 हजार लाइसेंस
जिले के पुलिस स्टेशन में बैठी सीसीटीएनएस की टीम अपने-अपने एरिया के आर्म्स लाइसेंस धारक का पूरा रिकॉर्ड अपने कंप्यूटर में फीड करने में लगी हुई है। जिले में इस समय 24 हजार के करीब असलहा लाइसेंस हैं, जिनके पास असलहा की गिनती 32 हजार है। इसलिए अन्य डाटा के मुकाबले मुलाजिमों को आर्म्स लाइसेंस के डाटा अपने कंप्यूटर में फीड करने में काफी मेहनत करनी पड़ रही है। इस संबंध में एडीसी सुखप्रीत ¨सह सिद्धू का कहना है कि असलहा लाइसेंस लोगों को हर पहलुओं से जांच पड़ताल करने के बाद जारी किया जाता है। मगर अब आर्म्स लाइसेंस भी आधार से ¨लक होंगे इसकी कोई जानकारी नहीं है। जबकि जैसे सरकार के आदेश आएंगे उनको वैसे ही लागू किया जाएगा।