भक्ति मार्ग गुरु की कृपा से ही होता है प्राप्त : एसपी दुग्गल

जासं, ब¨ठडा संत निरंकारी भवन में जोनल इंचार्ज एसपी दुग्गल ने प्रवचन में कहा कि सत्संग एक मान सरोव

By Edited By: Publish:Sat, 13 Feb 2016 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2016 01:00 AM (IST)
भक्ति मार्ग गुरु की कृपा से 
ही होता है प्राप्त : एसपी दुग्गल

जासं, ब¨ठडा

संत निरंकारी भवन में जोनल इंचार्ज एसपी दुग्गल ने प्रवचन में कहा कि सत्संग एक मान सरोवर है, जिसमें संगत निर्विघ्न सत्संग करके अपने मन को उज्जवल करती है, संगत में हमेशा ही सच की आवाज को बुलंद किया जाता है। प्रभु परमात्मा का गुणगान किया जाता है तथा भक्ति में गुरु मर्यादा की झलक दिखाई देती है। गुरु की कृपा से ही आपसी प्यार, भाईचारक सांझ उत्पन्न होती है।

उन्होंने बताया कि भक्ति के मार्ग पर चलते हुए वरदानों को संभालना बहुत कठिन है, जब भक्त पूरी श्रद्धा से भक्ति करता है तो निरंकार भी खुश होता है। समय बीतता चला जाता है पर निरंकार खुद अपने भक्तों की खुद देखभाल करता है। यह जीवन हमें सिर्फ प्रभु भक्ति तथा परमात्मा की प्राप्ति के लिए ही मिला है। समय बड़ा अनमोल है जो इंसान समय की कद्र करता हुआ अपने जीवन को भक्ति की तरफ मोड़ लेता है वह जीवन में कुछ प्राप्तियां कर लेता है। समय किसी का इंतजार नहीं करता, इसने तो अपनी रफ्तार के साथ चलते रहना है। उन्होंने आगे बताया कि झुके हुए पेड़ को ही ज्यादा फल लगते हैं उसी तरह ही जो इंसान प्यार, नम्रता, सहनशीलता से जैसे-जैसे झुकता जाता है उसको उतना ही फल प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि दुकान तथा घर में प्रयोग की जाती मिठाई मिलती है जब मिठाई को संगत में बरताया जाता है तो यह प्रसाद का रूप धारण कर लेती है क्योंकि इसमें गुरु मर्यादा शामिल हो जाती है। गुरु की कृपा से ही हमें भक्ति के लिए शक्ति, बल, ताकत मिलती है तथा दुख क्लेश की सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं। गुरु की कृपा से ही मोह माया तथा अंधविश्वास के चक्करों से छुटकारा मिलता है। उन्होंने बताया कि जो इंसान समय की कद्र करता हुआ अपना आप संवार लेता है वह दूसरों के दुख दर्द में शरीक होता है तथा गुरू की कृपा से भक्ति मार्ग की तरफ चलने की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर सेवा दल के संचालक सतीश सहगल, मोहन लाल, बलदेव ¨सह, अमरनाथ आदि ने भी गुरु मर्यादा अनुसार अपने विचार प्रकट किए।

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