बारिश से हुए नुकसान की गिरदावरी नहीं

जासं, बठिंडा जिले में पिछले दिनों हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। वहीं बर्बाद ह

By Edited By: Publish:Fri, 20 Mar 2015 05:05 PM (IST) Updated:Fri, 20 Mar 2015 05:05 PM (IST)
बारिश से हुए नुकसान की गिरदावरी नहीं

जासं, बठिंडा

जिले में पिछले दिनों हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। वहीं बर्बाद हुई फसल की जिला प्रशासन द्वारा की गई गिरदावरी में फसलों को प्राकृतिक आपदा से नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट दी गई है। एक पखवाड़े बाद दूसरी बार हुई ज्यादा बारिश से हुए नुकसान के लिए अभी तक विशेष गिरदावरी नहीं की है। किसान संगठनों ने प्रशासन की विशेष गिरदावरी रिपोर्ट को झूठा बताया है।

1-2 मार्च को जिले में बरसात के साथ तेज हवाएं चली। इससे कई जगह गेहूं की फसल जमीन पर गिरी थी। जिला प्रशासन ने राजस्व पटवारियों को विशेष गिरदावरी कर फसल खराब होने की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे, ताकि नुकसान के आधार पर किसानों को मुआवजा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा सके। विशेष गिरदावरी के आधार पर जिला प्रशासन ने राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग को 12 मार्च को रिपोर्ट भेजी है कि फसलों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।

कृषि विभाग का आंकलन 10 प्रतिशत नुकसान

वहीं कृषि विभाग ने बरसात और तेज हवाएं चलने के बाद फील्ड स्टाफ से सर्वे करवाया था। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिले में गेहूं की फसल जमीन पर गिरने से करीब 10 प्रतिशत नुकसान हुआ है। यानि 2 लाख 55 हजार हेक्टेयर में से 25 हजार हेक्टेयर में नुकसान हुआ। विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस नुकसान की भरपाई होना संभव है।

राजस्व विभाग की रिपोर्ट ही मान्य

खराब हुई फसल के मुआवजे के लिए राजस्व विभाग की रिपोर्ट ही मान्य है। इसी वजह से कृषि विभाग की बजाय राजस्व पटवारियों से विशेष गिरदावरी करवाई जाती है। नाम न छापने की शर्त पर एक राजस्व पटवारी ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से फसल का कितना नुकसान हुआ है, इसका आंकलन कृषि विशेषज्ञ ही कर सकते हैं। सही रिपोर्ट के लिए पटवारियों के बजाए कृषि विभाग से सर्वे करवाया जाना चाहिए।

दूसरी बरसात की गिरदावरी नहीं

जिले में 15-16 मार्च की रात को भी तेज बारिश के साथ तेज हवा चली थी। इससे काफी नुकसान हुआ। कई जगह गेहूं की फसल जमीन पर गिरी। किसानों के अनुसार इससे काफी नुकसान हुआ। इस बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी अभी तक नहीं हुई है।

किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ

प्रशासन की रिपोर्ट नुकसान नहीं होना बता रही है, जो सही नहीं है। बेमौसम बारिश ने किसानों को बर्बाद कर रख दिया। कई गांवों में गेहूं की फसल का काफी नुकसान हुआ है। किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ है।

शिंगारा सिंह मान, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां)।

दोबारा गिरदावरी करवाई जाएगी

पहली रिपोर्ट में नुकसान नहीं होना पाया गया है। इसके बाद हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कोई किसान संतुष्ट नहीं है तो दोबारा गिरदावरी करवा ली जाएगी।

डॉ. बसंत गर्ग, डीसी, बठिंडा।

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