महानगर में दौड़ेंगी 10 मिनी सिटी बसें

By Edited By: Publish:Sun, 24 Aug 2014 06:41 PM (IST) Updated:Sun, 24 Aug 2014 06:41 PM (IST)
महानगर में दौड़ेंगी 10 मिनी सिटी बसें

जागरण संवाददाता, बठिंडा

महानगर की सड़कों पर जल्द ही मिनी सिटी बसें दौड़ने वाली हैं। सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। अगले दो माह के भीतर दस मिनी सिटी बसें शहरवासियों को समर्पित कर दी जाएंगी, ताकि नगर निगम चुनाव में इसका फायदा लिया जा सके। बसें खरीदने के लिए केंद्र सरकार के जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन के तहत निगम को पैसा दिया जाएगा। मुख्य संसदीय सचिव सरूप चंद सिंगला ने बताया कि केंद्र में नई सरकार बनने की वजह से बजट पेश होने में देरी हुई, नतीजतन समय पर फंड अलॉट नहीं हो पाया। अब नई सरकार ने फंड का अलाटमेंट कर दिया है।

गौर हो कि नगर निगम फंड अलॉट होने से करीब छह माह पहले ही पीआरटीसी के साथ चंडीगढ़ में बीस मिनी सिटी बसों को लेकर एमओयू साइन कर चुका है, लेकिन फंड के अभाव में बसें खरीदने के लिए टेंडर कॉल नहीं हो पाया। अब केंद्र सरकार द्वारा फंड अलॉट किए जाने से नगर निगम को बसों की खरीद के लिए फंड मिल जाएगा। समझौते के अनुसार बसों की मरम्मत व चलाने की जिम्मेदारी पीआरटीसी की होगी, जबकि रजिस्ट्रेशन म्यूनिसिपल कारपोरेशन बठिंडा के नाम ही रहेगी। बसें खरीदने के लिए एमसीबी पीआरटीसी को फंड मुहैया करवाएगा। जिस वजह से पीआरटीसी द्वारा ही टेंडर कॉल किया जाएगा। बसों से होने वाला लाभ और नुकसान दोनों पीआरटीसी का होगा।

मिनी सिटी बसें चलने से सबसे ज्यादा फायदा लाइनपार इलाके में रहने वाले करीब एक लाख लोगों को होगा, जहां अभी बड़ी सिटी बसें नहीं जा रही हैं। निगम ने प्रति बस साढ़े 15 लाख रुपये के हिसाब से बीस बसों का बजट जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन के तहत मांगा है।

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इनसेट--

शहर में चल रही हैं दस सिटी बसें

शहर में 13 अप्रैल 2012 दस सिटी बसें चल रही हैं, जिस पर करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत आई है। यह बसें लाइनपार इलाके के अलावा तंग छोटी सड़कों पर नहीं जा पा रही हैं, जिससे कई इलाकों के लोग सिटी बस सेवा से वंचित हैं। जिसे देखते हुए बीस मिनी सिटी बसें चलाने की तैयारी है।

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इनसेट--

सत्ताधारी दल को मिल सकता है फायदा

नगर निगम चुनाव नवंबर में होने की उम्मीद है, चुनाव से पहले मिनी सिटी बसें चलाने का फायदा सत्ताधारी अकाली दल को मिल सकता है। हालांकि, मुख्य संसदीय सचिव सरूप चंद सिंगला का कहना है कि फायदा नुकसान नहीं लोगों की सुविधा के लिए यह बसें चलाई जाएंगी।

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