अस्पताल में निजी कर्मियों ने छात्रा को नशे का इंजेक्शन लगाकर किया सामूहिक दुष्कर्म

बरनाला के सिविल अस्पताल में डॉक्टर के दो निजी कर्मियों ने छात्रा को नशीला इंजेक्शन लगाया और फिर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 02 Jun 2018 08:46 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jun 2018 06:32 PM (IST)
अस्पताल में निजी कर्मियों ने छात्रा को नशे का इंजेक्शन लगाकर किया सामूहिक दुष्कर्म
अस्पताल में निजी कर्मियों ने छात्रा को नशे का इंजेक्शन लगाकर किया सामूहिक दुष्कर्म

जेएनएन, बरनाला। सिविल अस्पताल में मां का इलाज करवा रही 16 वर्षीय 10वीं की छात्रा से डॉक्टर के निजी तौर पर रखे दो कर्मियों ने नशे का टीका लगाकर रातभर दुष्कर्म किया। दोनों आरोपितों ने छात्रा को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो वे उसकी मां को जहर का टीका लगा देंगे। 28 मई की रात की इस घटना का खुलासा 1 जून की रात को हुआ, जब छात्रा की हालत गंभीर होने पर उसे भी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।

मेडिकल के बाद पुलिस ने अदालत के सामने पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज करवाए। दोनों आरोपित फरार हैं। छात्रा की मां मानसिक रूप से बीमार होने के कारण 10 दिन तक सिविल अस्पताल बरनाला में भर्ती थी। पिता ट्रक लेकर राज्य से बाहर गए थे, इसलिए छात्रा ही मां के पास अस्पताल में रह रही थी।

28 मई की रात को वह अस्पताल में लगे वाटर कूलर से पानी लेने गई तो वहां डॉक्टर के निजी कर्मी गौरव और मनी मुंह बंद कर और खींचकर उसे ब्लड बैंक के एक कमरे में ले गए। वहां उन्होंने छात्रा को जबरदस्ती नशे का इंजेक्शन लगा दिया। नशे की हालत में दोनों ने रातभर छात्रा से दुष्कर्म किया और किसी को इस बारे में बताने पर उसकी मां को जहर का टीका लगाने की धमकी दी।

घर पर बेहोश होकर गिरी

29 मई को पीड़िता की मां को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दिनभर वह नशे के इंजेक्शन के कारण होश में नहीं थी। 31 मई को वह घर में बेहोश होकर गिर गई थी। 1 जून को हालत गंभीर होने पर उसे सिविल अस्पताल लाया गया, जहां उसने मां व डॉक्टर को आपबीती बताई।

खंगाल रहे सीसीटीवी फुटेज : सब इंस्पेक्टर

सब इंस्पेक्टर परमिंदरजीत कौर का कहना है कि पीड़ित छात्रा का मेडिकल करवाने के बाद अदालत के सामने उसके बयान दर्ज करवाए गए हैं। छात्रा अस्पताल में भर्ती है। गौरव व मनी दोनों बरनाला के रहने वाले हैं और दोनों फरार हैं। सिविल अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।

डॉक्टर का नाम नहीं बता सकते, एसएमओ को सौंपी जांच: सीएमओ

सीएमओ बरनाला डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि जिस डॉक्टर ने निजी कर्मी रखे थे उसका नाम नहीं बता सकते। इस मामले की जांच एसएमओ डॉक्टर जसवीर औलख को सौंपी है, जो सोमवार को रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपित डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जाएगा।

कई डॉक्टरों ने रखें हैं निजी कर्मी

सिविल अस्पताल में कुछ डॉक्टरों ने नियमों को ताक पर रखकर अपने खर्च पर निजी हेल्पर रखे हैं। यह हेल्पर मरीजों की लाइन लगवाने और डॉक्टर को चाय-पानी पिलाने का काम करते हैं। कानूनन कोई भी डॉक्टर अपनी मर्जी से हेल्पर नहीं रख सकता। डॉक्टर के निजी हेल्परों की ओर से अस्पताल में ही छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में ऐसे डॉक्टरों की रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं।

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