बरनाला में भी पुलिस के खिलाफ फूटा डाक्टरों का गुस्सा
अमृतसर के सिविल अस्पताल में रविवार को इमरजेंसी मेडिकल अफसरों ने हड़ताल की।
संवाद सहयोगी, बरनाला :
अमृतसर के सिविल अस्पताल में रविवार को इमरजेंसी मेडिकल अफसर डा. भवनीत सिंह को गोली मारने के मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसको लेकर डाक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पंजाब के आह्वान सरकारी एवं निजी अस्पतालों में आइएमए से संबंधित सेवाएं बंद रखी। हालांकि कोरोना के कारण डाक्टर अपने कमरों में ही रहे। सुबह 10 से 12 बजे तक काम ठप रखा। लेकिन सुबह 10 बजे से पहले आए मरीजों की ओपीडी की गई, वहीं 12 बजे के बाद निरंतर जारी रखी गई। केवल इमरजेंसी सेवाएं रहीं जारी। जिला बरनाला में सैकड़ो डाक्टरों ने इसके विरोध में सोमवार को सिविल अस्पताल में ओपीडी सेवा ठप रखी। गायनी ओपीडी भी बंद रखी गई। उन्होंने मेडिको लीगल रिपोर्ट्स तैयार नहीं की। सिविल अस्पताल में डाक्टरों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि पुलिस की लापरवाही की वजह से डॉ. भवनीत सिंह की जान पर बन गई। पहले भी डाक्टरों पर हमले होते रहे हैं लेकिन उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई जाती है।
एसएमओ ज्योति कौशल ने कहा कि बरनाला में भी कई बार गुंडागर्दी देखने को मिली है व लोग इमरजेंसी में आकर मारपीट पर उतर आते है, लेकिन मरीजों की आपसी लड़ाई से डाक्टरों में डर है। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल बरनाला में पुलिस पिकट के लिए कई बार लिखित दिया है, लेकिन कोई समाधान नहीं है। अमृतसर जैसी घटना बरनाला में भी हो सकती है, लेकिन पुलिस प्रशासन कर्मचारी तैनात नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से लोगों में असुरक्षा की भावना बनी हुई है।