मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसरों में छिड़ी वर्चस्व की जंग

अमृतसर सरकारी मेडिकल कॉलेज के दो वरिष्ठ प्रोफेसर्स रविवार को आपा खो बैठे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Mar 2019 12:13 AM (IST) Updated:Tue, 26 Mar 2019 12:13 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसरों में छिड़ी वर्चस्व की जंग
मेडिकल कॉलेज के दो प्रोफेसरों में छिड़ी वर्चस्व की जंग

— डॉ. सतपाल व डॉ. खालसा के बीच फंसा पेंच

— रीइंप्लाइमेंट के बाद नौकरी कर रहे हैं डॉ. सतपाल, यूनिट का इंचार्ज बनने को लेकर हुआ विवाद

जागरण संवाददाता, अमृतसर

सरकारी मेडिकल कॉलेज के दो वरिष्ठ प्रोफेसर्स रविवार को आपा खो बैठे। दोनों प्रोफेसरों ने एक दूसरे के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया। विवाद की मूल वजह रीइप्लाइमेंट और रेगुलर नौकरी बनी। दरअसल, सर्जरी विभाग यूनिट सात के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनजीत सिंह खालसा एवं री-इंप्लाइमेंट लेकर पुन: विभाग में आए प्रो. सतपाल हंस के बीच जमकर विवाद हुआ। दोनों डॉक्टरों मे हाथापाई होती, इससे पहले ही सहायक स्टाफ ने बीच बचाव कर दिया। डॉ. हंस ने मामले की शिकायत मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के सेक्रेट्री सतीश चंद्रा से की है।

डॉ. सतपाल हंस ने कहा कि विभाग ने उन्हें सेवानिवृति के पश्चात री-इंप्लाइमेंट प्रदान की, लेकिन गुरु नानक देव अस्पताल में उन्हें ओपीडी नहीं करने दी जा रही। डॉ. मनजीत सिंह खालसा उन्हें अपमानित करते हैं। वहीं डॉ. मनजीत सिंह खालसा ने कहा कि डॉ. हंस यूनिट इंचार्ज बनना चाहते हैं। हालांकि वे सेवानिवृत्त होने के बाद री-इंप्लाइमेंट लेकर काम कर रहे हैं। जो व्यक्ति सेवानिवृत्त होकर री-इंप्लाइमेंट की नौकरी कर रहा है उसे नियमानुसार यूनिट का इंचार्ज कैसे बनाया जा सकता है। हंस का विरोध इसी बात को लेकर है कि उन्हें यूनिट का इंचार्ज बनाया जाए।

वहीं विभाग के सचिव सतीश चंद्रा का कहना है कि डॉ. हंस ने उनसे बात की है। नियमानुसार किसी भी री-इंप्लाइड प्रोफेसर को यूनिट का इंचार्ज नहीं बनाया जा सकता। फिर भी वह विभाग के डायरेक्टर से बात करेंगे कि इस समस्या का किस प्रकार समाधान निकल सकता है।

वहीं सतीश चंद्र का कहना है कि डॉक्टर हंस उनसे मिलने के लिए आज उनके कार्यालय में आए थे यह तो साफ है कि किसी भी रखे प्रोफेसर को मुखी नहीं लगाया जा सकता। अब उसे किसी यूनिट का इंचार्ज लगाया जा सकता है अथवा नहीं, इस संबंध में उन्होंने विभाग के डायरेक्टर को बुलाया है दोनों बैठकर तय करेंगे कि इस समस्या का क्या समाधान निकाला जाए।

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