आइसीपी अटारी पर ट्रक चालकों की हड़ताल से पाकिस्तान से पहुंचा माल होने लगा डंप
अटारी बार्डर ट्रक यूनियन आल इंडिया ट्रक यूनियन की हड़ताल को समर्थन दिया है। इसके कारण पाकिस्तान से व्यापार प्रभावित हो रहा है।
जेएनएन, अमृतसर। इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) अटारी पर अटारी बार्डर ट्रक यूनियन ने हड़ताल की घोषणा कर दी है। हड़ताल की घोषणा के बाद यूनियन के सदस्यों ने किसी एक भी ट्रक को आइसीपी के अंदर नहीं जाने दिया और न ही अंदर माल से भरे ट्रकों को भी बाहर नहीं निकलने दिया। इसी दौरान अटारी बार्डर ट्रक आपरेटरों ने आल इंडिया ट्रक यूनियन की हड़ताल को समर्थन देते हुए पीएम के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी भी की।
यूनियन नेताओं और सदस्यों अमरजीत सिंह छिंदा, प्रितपाल सिंह सिद्धू, रेशन सिंह ढिल्लों, कुलविंदर सिंह संधू, सुबेग सिंह रणिके, अमृत दीप सिंह. परविंदर सिंह संधू, और हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि ट्रक खरीदते समय ही उनसे एकमुश्त टैक्स लेने के बाद टोल टैक्स का बोझ लाद दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ट्रक चालकों की हड़ताल को गंभीरता से नहीं ले रही इसीलिए इंडो-पाक बार्डर स्थिति आइसीपी अटारी पर भी उन्हें हड़ताल की शुरुआत करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती, आइसीपी अटारी पर ट्रक आपरेटरों की हड़ताल जारी रहेगी।
आइसीपी अटारी से रोजाना निकलते हैं 400 ट्रक
इंडो-पाक ट्रेड के तहत पाकिस्तान से आयातित माल को लेकर रोजाना आइसीपी अटारी से माल से लदे 400 से ज्यादा ट्रक देश के विभिन्न हिस्सों के लिए निकलते हैं। ट्रक आपरेटरों की हड़ताल के चलते उक्त सारा सामान आइसीपी के अंदर ही रहेगा। 12 घंटों के बाद आयातकों को डेमरेज (डंपिग का खर्च) शुरू हो जाएगा। हर ट्रक पर कम से कम 3 लाख रुपये आयातक को इंपोर्ट ड्यूटी अदा करनी होती है। हड़ताल का असर जहां इस ड्यूटी पर पड़ेगा, वहीं इंडो-पाक ट्रेड पर भी बुरा असर पड़ेगा।
दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा असर
इंडो पाक चैंबर्स आफ कामर्स के मनु मिश्रा कहते हैं कि इसका सीधा असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा। हाल ही में पाक में सरकार बदली है तो भारत-पाक के बीच ट्रेड बढ़ने की संभावना दिखने लगी है। अब आइसीपी अटारी पर हड़ताल के चलते न तो कारोबारी वहां से माल उठा सकेगा और न ही अपने व्यापारिक वादे पूरे कर पाएगा। इस हड़ताल के चलते आयातकों को रोजाना लाखों का नुकसान होगा, जिसकी भरपाई मुश्किल है।
लैंडपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया आयातकों को डेमरेज माफ नहीं करेगी, हालांकि इसमें व्यापारियों या आयातकों का कोई रोल नहीं मगर उन्हें बिना कारण ही रोजाना लाखों रुपये का नुकसान होगा। इस हड़ताल से ट्रांसपोर्टरों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द ट्रक आपरेटरों की हड़ताल खत्म हो सके।
खराब हो जाएंगे पाक से आने वाले फल
फेडरशन अॉफ करियाना एंड ड्राइ फ्रूट एसोसिएशन के प्रधान अनिल मेहरा कहते हैं पाकिस्तान से आने वाले पैरिशेबल फल आदि तो आइसीपी अटारी पर ही खराब हो जाएंगे। क्योंकि यह चीजें ऐसी होती हैं पाकिस्तान से आने के तुरंत बाद इन्हें उचित स्टोरेज पर पहुंचाना होता है। ऐसा नहीं होने की सूरत में यह खराब हो जाती हैं और व्यापारी का लाखों का नुकसान हो जाता है। इसको देखते हुए सरकार को इस मसले का हल जल्द निकालना चाहिए।