कांपते हाथों से दबाया ईवीएम का बटन, अपने नेता का किया चयन

नितिन धीमान, अमृतसर : हाथ में लाठी.. चेहरे पर झुर्रियां.. आंखों में धुंधली से रोशनी.. उ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Dec 2017 03:01 AM (IST) Updated:Mon, 18 Dec 2017 03:01 AM (IST)
कांपते हाथों से दबाया ईवीएम का बटन, अपने नेता का किया चयन
कांपते हाथों से दबाया ईवीएम का बटन, अपने नेता का किया चयन

नितिन धीमान, अमृतसर : हाथ में लाठी.. चेहरे पर झुर्रियां.. आंखों में धुंधली से रोशनी.. उस पर सर्दी का सितम. इन सारी परिस्थितियों की परवाह किए बगैर ¨जदगी के चौथे पड़ाव तक पहुंच चुके बुजुर्ग मतदाताओं ने नगर निगम चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। ये मतदाता उन लोगों के लिए भी प्रेरणाप्रद बने जो अपने वोट का इस्तेमाल नहीं करते, अपनी ताकत को नहीं जानते। उम्र में दुगुने और चुस्ती-फुर्ती में चौगुने ये बुजुर्ग चुनावी महासंग्राम में अपना योगदान देने को आतुर दिखे।

रविवार को नगर निगम चुनाव के दौरान हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में बुजुर्ग मतदाताओं ने जमकर वोट डाले। बुजुर्ग मतदाताओं ने ही सुबह आठ बजे मतदान केंद्र में जाकर वोट डालने की प्रक्रिया का श्रीगणेश किया। मजीठा रोड निवासी 86 वर्षीय शकुंतला देवी चल फिर नहीं सकतीं। घर में खाने से लेकर हर छोटे—मोटे काम के लिए उन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है। शंकुतला देवी को उनकी बेटी ऑटो पर बिठाकर भाभा स्कूल में बने मतदान केंद्र में लेकर आई। शकुंतला देवी को ऑटो से उतारकर वॉकर के सहारे ईवीएम मशीन तक पहुंचाया गया। अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद शकुंतला देवी ने मुझे खुशी है कि मैं हमेशा की तरह आज भी वोट डालने आ सकी। इस चुनाव में मेरा बेटा आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरा है। मैंने वोट भी उसी को दिया है।

92 वर्षीय सुमित्रा देवी भी इसी मतदान केंद्र में वोट डालने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि वोट डालना बहुत जरूरी है। चाहे नगर निगम चुनाव हों या लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव, मैं कभी वोट डालना नहीं भूलती। हां अब उम्र हो रही है, इसलिए सहारे की जरूरत पड़ती है। हमें यह याद रखना होगा कि हमारा एक-एक वोट ही सही प्रत्याशी के चयन में सहायक होगा। अपना वोट जरूर डालें।

76 वर्षीय राजेश पाठक हमेशा की तरह सुबह नौ बजे मतदान केंद्र में पहुंच गए। वोट डालने के बाद पाठक ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए वोट डालना जरूरी है। हमारे देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि हर व्यक्ति को मतदान डालना अनिवार्य किया जाए। दुनिया में 32 से अधिक देशों में यह व्यवस्था लागू है। मेरा व्यक्तिगत तौर पर यह मानना है कि अमीर लोग वोट डालना नहीं चाहते। उन्हें फुर्सत ही कहां। यही कारण है कि मतदान के बाद वोट प्रतिशत हमेशा ही निचले स्तर पर रहता है।

70 वर्षीय मंगत ¨सह को पैरालाइज है। निचला हिस्सा काम नहीं करता, इसलिए चल फिर नहीं सकता। बोलने की क्षमता भी नहीं है। सरकारी एलीमेंट्री स्कूल गुमटाला में मतदान करने पहुंचे मंगत ¨सह को उसके परिजन कंधे पर उठाकर मतदान केंद्र तक लाए। यहां परिजन की मदद से ही मंगत ¨सह ने ईवीएम का बटन दबाया।

92 वर्षीय चरण ¨सह ने मकबूल रोड में वोट डाला। चरण ¨सह वो शख्स हैं जो आजादी के बाद से ही लगातार अपने मत का प्रयोग कर रहे हैं। कहते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का प्रतिनिधि चुनने का अवसर मैं कभी भी अपने हाथ से जाने नहीं देता। यह मेरा अधिकार है और मेरा स्वाभिमान भी।

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