प्रशासनिक अधिकारी घर बुला करवाते हैं इलाज, डाक्टर परेशान

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डाक्टर वीआइपी कल्चर से आजिज हो चुके हैं। इसकी वजह है जिले के प्रशासनिक अधिकारी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 06:57 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 06:57 PM (IST)
प्रशासनिक अधिकारी घर बुला करवाते हैं इलाज, डाक्टर परेशान
प्रशासनिक अधिकारी घर बुला करवाते हैं इलाज, डाक्टर परेशान

जागरण संवाददाता, अमृतसर: स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डाक्टर वीआइपी कल्चर से आजिज हो चुके हैं। इसकी वजह है जिले के प्रशासनिक अधिकारी। जरा सी तकलीफ होने पर प्रशासनिक अधिकारी इन डाक्टरों को घरों में बुलाकर टेस्ट, ट्रीटमेंट करवा रहे हैं। सिविल अस्पताल में कार्यरत मेडिसिन डाक्टर अमृतपाल को एक प्रशासनिक अधिकारी ने अपने घर बुला लिया। अधिकारी का तर्क था कि वह बीमार है और उसका टेस्ट और उपचार करे। ऊपर से आदेश मिलने के बाद डाक्टर सरकारी ओपीडी में खड़े मरीजों को छोड़कर फौरन प्रशासनिक अधिकारी की तीमारदारी के लिए उनके आवास पर पहुंच गए। कई घंटे प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें अपने घर में ही रोके रखा। इसका दुष्परिणाम यह निकला कि सिविल अस्पताल की ओपीडी में खड़े मरीज परेशान होते रहे। वह दूसरे मेडिसिन डाक्टर की ओपीडी में पहुंचे, पर यहां भी भीड़ थी।

इस बात का सिविल अस्पताल में कार्यरत आप्थेल्मिक आफिसर व इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश शर्मा ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने दो टूक कहा कि प्रशासनिक अधिकारी परेशान कर रहे हैं। कोरोना टेस्ट करना हो तो स्टाफ को घर बुलाया जाता है। जरा सा ब्लड प्रेशर बढ़ जाए तो डाक्टर को उनके घर पहुंचना पड़ता है। कई बार ड्यूटी खत्म होने के बाद भी जाना पड़ता है। डाक्टर चौबीस घंटे अस्पताल के लिए काम करते हैं। यदि प्रशासनिक अधिकारी को शारीरिक परेशानी है तो वे सरकारी वाहन से अस्पताल तक आ सकते हैं। एक अधिकारी के लिए डाक्टर अपनी ओपीडी में मरीजों को छोड़कर आए यह कहां तक उचित है। सरकार वीआइपी कल्चर खत्म करने की बात कह रही है, पर प्रशासनिक अधिकारी खत्म नहीं होने देते। कोरोना संक्रमित आए प्रशासनिक अधिकारी डाक्टरों को घर बुला रहे हैं। क्या इन्हें इस बात का आभास नहीं कि उनके संपर्क में आने से डाक्टर संक्रमित हो सकता है। राकेश शर्मा ने कहा कि वह मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सारे घटनाक्रम से अवगत करवाएंगे।

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