नौकरी से हटाए कर्मी एसजीपीसी कार्यालय के सामने बैठे धरने पर

अमृतसर : एसजीपीसी प्रधान गो¨बद ¨सह लोंगोवाल की ओर से 31मार्च 18 को नौकरी से हटाए गए कुल 523 कर्मचारियों में से 30 ने मंगलवार को एसजीपीसी कार्यालय के सामने धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 06:23 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 06:23 PM (IST)
नौकरी से हटाए कर्मी एसजीपीसी कार्यालय के सामने बैठे धरने पर
नौकरी से हटाए कर्मी एसजीपीसी कार्यालय के सामने बैठे धरने पर

संवाद सहयोगी, अमृतसर

एसजीपीसी प्रधान गो¨बद ¨सह लोंगोवाल की ओर से 31मार्च 18 को नौकरी से हटाए गए कुल 523 कर्मचारियों में से 30 ने मंगलवार को एसजीपीसी कार्यालय के सामने धरना दिया।

नौकरी से हटाए गए मुलाजिम तरसेम ¨सह के नेतृत्व में उक्त लोग सुबह 11.30 बजे एसजीपीसी दफ्तर पहुंचे और मुख्य द्वार के सामने एसजीपीसी के खिलाफ धरने पर बैठ गए। इस दौरान एसजीपीसी अधिकारियों ने इन्हें बातचीत के लिए बुलाया। तरसेम ¨सह की अगुवाई में कर्मचारियों ने प्रधान लोंगोवाल के पीए जगजीत ¨सह जग्गी एवं सचिव मनजीत ¨सह से मुलाकात की लेकिन वार्ता विफल रही। इसके बाद प्रदर्शनकारी दोबारा धरने पर बैठ गए।

गौरतलब है कि एसजीपीसी के पूर्व प्रधान किरपाल ¨सह बडूंगर ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 523 लोगों की एसजीपीसी में सिफारिशों के

आधार पर नियुक्त कर दिया था। जिसे मौजूदा प्रधान लोंगोवाल ने

नियमों के विपरीत इसे अवैध करार देते हुए रद कर दिया था। उसी समय से नौकरी से हटाए गए कर्मचारी बहाली के लिए संघर्षरत हैं।

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हमारा क्या कसूर, अधिकारियों पर करें कार्रवाई : तरसेम

नौकरी से हटाए गए कर्मचारी तरसेम ¨सह ने कहा कि मुलाजिमों का क्या कसूर है, मुलाजिम योग्यता एवं सही

दस्तावेजों के आधार पर ही नियुक्त हुए थे। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को

उन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने मुलाजिमों की नियुक्ति की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाकर एक बार फिर नए मुलाजिमों की भर्ती शुरू की गई है।

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