फूलों की खुशबू से और भी महकेगा श्री हरिमंदिर साहिब

जागरण संवाददाता, अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास के इलाके को सुंदर, सुगंधित बनाने व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Mar 2018 02:56 AM (IST) Updated:Tue, 20 Mar 2018 02:56 AM (IST)
फूलों की खुशबू से और भी महकेगा श्री हरिमंदिर साहिब
फूलों की खुशबू से और भी महकेगा श्री हरिमंदिर साहिब

जागरण संवाददाता, अमृतसर : श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास के इलाके को सुंदर, सुगंधित बनाने व प्रदूषण कम करने के लिए दो पार्को को खूबसूरत बनाया जाएगा। एक पार्क श्री गुरु राम दास लंगर हाल के पास और दूसरा पार्क दीवान मंजी साहिब हाल के पास है, जिनको खूबसूरत फूलों के साथ विकसित किया जाएगा। इस को लेकर एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप ¨सह की ओर से बागवानी विभाग के विशेषज्ञों के साथ एक बैठक का भी आयोजन किया गया है। इस प्रोजेक्ट पर मंथन किया गया। बैठक में बागबानी विभाग के रिटायर विशेषज्ञ डॉ. जेएस अरोड़ा, पूर्व डीन पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. जस¨वदर ¨सह बिलगा बागबानी सलाहकार जीएनडीयू, वातावरण प्रेमी स्वामी जी होशियारपुर वाले, इंजीनियर बीएस भुलाणा और बाबा सुख¨वदर ¨सह कारसेवा भूरीवाले विशेषज्ञ रूप में शामिल हुए। डॉ. रूप ¨सह ने बताया कि एसजीपीसी की कार्यकारिणी कमेटी ने इन दोनों पार्को को सजाने के लिए प्रस्ताव पारित किया था। जल्दी ही इनके नवीनीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। पार्को को तैयार करने की सेवा बाबा कश्मीर ¨सह भूरी वालों की ओर से की जाएगी। जीएनडीयू के बागवानी सलाहकार डॉ. जेएस बिलगा और डॉ. जेएस अरोड़ा सलाहकार के रूप में सेवाएं देंगे। पाकों में चार स्तंभ बनाए जाएंगे। इन स्तंभों का घेरा 20 फुट होगा। स्तंभ के 10 स्टेप होंगे। हर स्तंभ का प्रत्येक स्टेप एक-एक फुट का होगा। हर स्तंभ पर एक फव्वारा होगा और वहां रंग बिरंगी लाइटों की भी व्यवस्था होगी। पार्को के आसपास खूबसूरत क्यारियां बना कर वहां हरबल पौधे भी लगाए जाएंगे। खुशबू, सुंदरता और मेडिसन मूल्य वाले पौधे विशेष होंगे। यह पार्क यहां श्री हरिमंदिर साहिब में आने वाली संगत को आकर्षित करेंगे। बागवानी विशेषज्ञ डॉ. बिलगा और डॉ. अरोड़ा ने बताया कि यह हमारे लिए मान की बात है कि हमें गुरु घर के पार्को की सेवा का मौका मिला है। बाबा कश्मीर ¨सह ने कहा कि संगत के सहयोग से यह सेवा जल्दी ही पूरी कर ली जाएगी। एसजीपीसी के पदाधिकारी मंजीत ¨सह बाठ, जगजीत ¨सह, सुलखन ¨सह भंगाली, सुख¨जदर ¨सह और ज¨तदरपाल ¨सह आदि भी मौजूद थे।

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