रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को साइड इफेक्ट

अमृतसर गुरुनानक देव अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं सिसक रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Feb 2019 12:20 AM (IST) Updated:Sun, 10 Feb 2019 12:20 AM (IST)
रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल  से मरीजों को साइड इफेक्ट
रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को साइड इफेक्ट

— जीएनडीएच से रेफर की गई बच्ची की पाइप फिट नहीं कर पाए सिविल अस्पताल के डॉक्टर

— दोनों फेफड़ों में भरा था पानी।

फोटो — 18

जागरण संवाददाता, अमृतसर

गुरुनानक देव अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं सिसक रही हैं। 4 फरवरी को शुरू हुई हड़ताल के बाद इस अस्पताल से मरीजों को बाहर निकाल दिया गया था। इन्हीं मरीजों में एक डेढ़ साल की बच्ची भी शामिल थी, जिसके फेफड़ों में पानी भरा था। बच्ची को सिविल अस्पताल में रेफर किया गया, लेकिन यहां डॉक्टरों ने पाइप निकाल दी, लेकिन दोबारा फिट नहीं की।

कस्बा मजीठा निवासी गौरव ने बताया कि उनकी डेढ़ साल की बेटी लक्ष्मी के फेफड़ों में पानी भर गया था। तकरीबन बीस दिन पूर्व वह उसे गुरुनानक देव अस्पताल ले आए। यहां एडमिट करवाया। डॉक्टरों ने फेफड़ों से पानी निकालने के लिए पाइप लगा दी। 4 फरवरी को अस्पताल में हड़ताल हो गई। इसके बाद एक-एक कर सभी मरीजों को जाने को कह दिया गया। मैं अपनी बेटी को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसे एडमिट कर लिया। शनिवार को सिविल अस्पताल के डॉक्टर एनपी ¨सह ने बच्ची का एक्सरे करवाने को कहा। एक्सरे से पहले पाइप निकाली गई। एक्सरे रिपोर्ट में पता चला कि फेफड़ों में पानी अभी भी है। ऐसे में डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अब इस बच्ची को वल्ला स्थित गुरु रामदास अस्पताल में ले जाओ, क्योंकि हम पाइप नहीं डाल सकते।

गौरव के अनुसार बच्ची को इस हालत में ले जाना जोखिम भरा था और न ही मेरे पास इतने पैसे थे कि किसी दूसरे अस्पताल में बच्ची का उपचार करवा सकूं। अब बच्ची की हालत लगातार बिगड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग दावे हजार करता है कि सरकारी अस्पतालों में सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं, पर यहां कुछ भी नहीं।

इस संदर्भ में सर्जन डॉ. एनपी ¨सह ने कहा कि बच्ची छोटी है। मैंने एनेस्थीसिया डॉक्टर से सलाह की थी। हम पहले पाइप लगाने जा रहे थे, लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर होने की वजह से अपना अपना फैसला बदला। बच्ची को सांस की प्रॉब्लम है। एक फेफड़ा बिल्कुल खराब हो चुका है। दूसरे में पानी और हवा भरी है। परिवार इस बच्ची को पाइप लगाकर वापस ले आए, मैं उसका ट्रीटमेंट करूंगा।

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