चिन्मय स्वरांजलि में बही भक्तिरस की धारा

चिन्मय स्वरांजलि में बही भक्ति रस की धारा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 12:24 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 12:24 AM (IST)
चिन्मय स्वरांजलि में बही भक्तिरस की धारा
चिन्मय स्वरांजलि में बही भक्तिरस की धारा

संवाद सहयोगी, अमृतसर: चिन्मय मिशन द्वारा विशेष चिन्मय भजन संध्या का आयोजन प्रो डॉ. पूनम रामपाल सपरिवार के आतिथ्य में तपोवनम, चिन्मय अमृत आश्रम, चिन्मय मार्ग, ई ब्लॉक रंजीत एवेन्यू में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. रामपाल ने अपने सेवा निवृत्ति के शुभ अवसर पर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद जी के पावन विग्रह के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। भजन संध्या में सर्वप्रथम दीपक ने गणेश वंदना कर प्रथम पूज्य का आहवान किया। सुमन ठाकुर ने श्लोक का उच्चारण किया। 'ए सीस झुकावां मैं' गाकर रूबल ने सच्चिदानंद रूप को प्राप्त करने का मार्ग सुझाया। तजिदर ने 'राम का गुणगान करिये' गाकर राम रस में सभी को सराबोर कर दिया।

सुमन ठाकुर ने शबद 'हे गोविद, हे गोपाल' का सुमधुर गायन किया। रोहिताश्व बाली ने 'जो भजे हरि को सदा' गाकर हरि मिलन का मार्ग समझाया। आस्था ने सभी को 'तुम ढूंढों मुझे गोपाल' गाकर श्री कृष्ण भगवान की अठखेलियों का सुंदर वर्णन किया।

संजय मेहरा ने चंचल मन को केंद्रित कर जीवन को प्रभु के लिए समर्पित करने का संदेश 'बोल पिजरे का तोता राम' दिया। मिशन के अध्यक्ष अविनाश महेंद्रू ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम रामपाल को उनकी सेवा निवृत्ति पर शुभकामनाएं दीं और उनके सुखी सार्थक जीवन की कामना की।

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