लोगों की सेवा के दौरान पता चला जिंदगी के क्या मायने हैं.: विधायक दत्ती

भाग-दौड़ भरी जिदगी में हर इंसान रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते हुए खुद की और परिवार की चिता करना भूल गया था। कोरोना काल ने सबको वही याद करवाया कि अगर हम खुद तंदुरुस्त हैं तो सब ठीक है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 04:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 04:00 AM (IST)
लोगों की सेवा के दौरान पता चला जिंदगी के क्या मायने हैं.: विधायक दत्ती
लोगों की सेवा के दौरान पता चला जिंदगी के क्या मायने हैं.: विधायक दत्ती

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

भाग-दौड़ भरी जिदगी में हर इंसान रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करते हुए खुद की और परिवार की चिता करना भूल गया था। कोरोना काल ने सबको वही याद करवाया कि अगर हम खुद तंदुरुस्त हैं, तो सब ठीक है। अगर मैं अपनी बात करुं तो सेहत को लेकर मैंने कभी लापरवाही नहीं भरती, पर कोरोना काल ने अपने साथ-साथ परिवार की सेहत को लेकर चिता करना सिखाया। यह कहना है उत्तरी विधानसभा हलके के विधायक सुनील दत्ती का।

उन्होंने कहा कि कोरोना का एक साल अपने-आप में जीवन जीने के साथ-साथ बहुत से खट्टे-मिट्ठे अनुभव छोड़ गया। इसमें जीवन में बदलाव का एक अहम पहलु यह भी रहा कि एक-दूसरे की मदद करने की सीख भी इसने दी। कोविड के दौरान जब बतौर जनप्रतिनिधि फील्ड में रहने और लोगों की सेवा का मौका मिला तो पता चला कि कैसे बंदी के इस दौर में अगर किसी के पास राशन, दवाएं या जरूरत का सामान नहीं है, तो उनके लिए जिदगी के क्या मायने हैं। बस लोगों के इसी दर्द ने पूरे परिवार को घर नहीं बैठने दिया। मैं, मेरा बेटा यूथ कांग्रेस अमृतसर का प्रधान आदित्य दत्ती, भाई पार्षद समीर दत्ती, भाभी पंजाब खादी बोर्ड के चेयरपर्सन ममता दत्ता जीजान से लोगों की मदद में जुटे रहे। खास बात यह रही कि लोगों की सेवा के दौरान हमने न तो मास्क पहनना छोड़ा और न ही सैनिटाइजेशन। घर दाखिल होने से पहले हाथ साफ करना और खुद को सैनिटाइज किया। शायद यही वजह रही कि पूरे कोरोना काल में हम कोविड से बचे रहे। यह गलती हो गई और कोविड की चपेट में आ गए

बेटी की शादी के समय कोविड जीरो लेबल पर था और मास्क उतारने की गलती हम कर बैठे। बस तभी परिवार कोविड की चपेट में आ गया। कोविड ने जीवन में बदलाव का जो दौर दिया है, उसमें स्वच्छता व अपनी चिता सबसे अहम है। उसे सभी धारण करे, यही इस विकट हालातों से बचने का सुगम तरीका है।

-विधायक सुनील दत्ती

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