सारागढ़ी शहीदों को भूले निजी स्कूल

अखिलेश ¨सह यादव, अमृतसर कहते हैं कि जो कौम या समुदाय अपने शहीदों को भूल जाता है उसका

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Sep 2017 09:45 PM (IST) Updated:Tue, 12 Sep 2017 09:45 PM (IST)
सारागढ़ी शहीदों को भूले निजी स्कूल
सारागढ़ी शहीदों को भूले निजी स्कूल

अखिलेश ¨सह यादव, अमृतसर

कहते हैं कि जो कौम या समुदाय अपने शहीदों को भूल जाता है उसका वजूद दुनिया से मीट जाना तय है। इतिहास के पन्नों में 12 सितंबर 1897 की तारीख सिखों के अद्भूत पराक्रम के रूप में दर्ज है। 'बैटल आफ सारागढ़ी' में सिख रेजीमेंट के 21 जांबाज जवानों ने 1800 अफगान सैनिकों को मौत के घाट उतार कर शहादत पाई थी। पंजाब सरकार ने शहीदों की शहादत को नमन करते हुए प्रदेश के सभी शैक्षणिक व अन्य संस्थानों में अवकाश की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने शहीदों के सम्मान में फिरोजपुर के सारागढ़ी गुरुद्वारा में मुख्य समारोह का आयोजन भी किया है, परंतु गुरु नगरी के अधिकांश निजी स्कूल शहादत को भूल गए। उन्होंने न ही इस दिन लेकर कोई विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की और न ही सरकार के आदेश ही माने।

निजी स्कूलों में मंगलवार को पढ़ाई जारी रही। गुरुनगरी के अधिकांश निजी स्कूल सरकारी आदेश को ठेगा दिखाते हुए खुले रहे। आलम यह था कि इन स्कूलों के संचालकों को सारागढ़ी के शहीदों के बारे जानकारी नहीं थी। ऐसे स्कूल प्रबंधक बच्चों को उनके विरसे व स्वतंत्रता सैनिकों की संजीवनी के कैसे जोड़ पाएंगे। इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी सुनीता किरण से पूछा गया कि सरकारी अवकाश के बावजूद निजी स्कूल खुले हुए हैं तो उन्होंने कहा कि वह इस संदर्भ में डीसी कमलदीप ¨सह संघा से बातचीत करेंगी।

वार मेमोरियल में दी गई है शहीदों की जानकारी

गुरु नगरी में स्थित करोड़ों की लागत से तैयार किए गए वार मेमोरियल में सारागढ़ी के शहीदों के बारे में जानकारी दी गई है। स्कूलों को अपने बच्चों को सारागढ़ी के शहीदों के बारे जानकारी देने के लिए ऐसे एतिहासिक स्थानों पर विजीट करवाया जा सकता है।

इन संस्थानों पर रहे स्कूल खुले

जीटी रोड छेहरटा, इंडिया गेट बाईपास एरिया, अमृतसर रेलवे स्टेशन, लोहारका रोड, मजीठा रोड, फतेहगढ़ चूड़ियां रोड, खंडवाला, बटाला रोड, पुतलीघर एरिया में सभी निजी स्कूलों ज्यादातर खुले पाएंगे।

सरकारी स्कूलों ने किया आदेशों का पालन

पंजाब सरकार द्वारा सारागढ़ी के शहीदों को लेकर की गई छुट्टी की घोषणा को पूरी तरह सरकारी स्कूलों के प्रबंधकों ने माना। सरकारी स्कूल पूरी तरह से बंद रहे। इससे पहले कई स्कूलों में सारागढ़ी शहीदों को लेकर समागम करवाए गए।

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