किसान बोले-केंद्र के आप्रेशन क्लीन को नहीं होने देंगे सफल
केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों व कृषि कानूनों के रद्द करवाने के लिए दिल्ली में चल रहे आंदोलन को तेज करने के लिए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने भगतांवाला दाना मंडी में विशाल रोष रैली की।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों व कृषि कानूनों के रद्द करवाने के लिए दिल्ली में चल रहे आंदोलन को तेज करने के लिए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने भगतांवाला दाना मंडी में विशाल रोष रैली की। शक्ति का प्रदर्शन करते हुए हजारों की संख्या में किसान अपने परिवारिक सदस्यों समेत रैली में शामिल हुए। इस दौरान किसानी आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों और युवाओं को श्रद्धांजलि भी भेंट की गई। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को चेतावनी दी गई कि अगर दिल्ली बार्डर पर धरना दे रहे किसानों के खिलाफ आप्रेशन क्लीन चलाने की कोशिश हुई तो देश भर में किसान सड़कों पर उतर आएंगें। इस दौरान फैसला लिया गया कि 21 से 25 अप्रैल तक गांव स्तर पर पुतले फूंके जाएंगे। पांच मई को हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बार्डर के लिए रवाना होंगे। प्रशासन के आदेशों की उड़ी धज्जियां
डीसी की ओर से जिले में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए रैलियां प्रदर्शन करने पर लगी रोक का रैली में खुलेआम उल्लंघन हुआ। रैली में पकड़ा एक जेब कतरा
रैली में किसानों की ओर से एक जेब कतरा भी पकड़ा गया। उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। किसानों के विशाल इकट्ठ को संबोधित करते हुए राज्य महासचिव सरवन सिंह पंधेर और राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष सविदर सिंह चुताला ने कहा कि केंद्र सरकार विश्व व्यापार संगठन, मुद्रा कोश, वर्ल्ड बैंक की नीतियों को लागू करने की जिद्द पर अड़ी हुई है। इन नीतियों के तहत कृषि कानूनों को लागू किया जा रहा है। केंद्र सरकार कोरोना की आड़ में दिल्ली आंदोलन को खत्म करना चाहती है। जिस के सपने पूरे नहीं होने दिए जाएंगे। यह आंदोलन जीत तक जारी रहेगा और सरकार को किसान हर हाल में हरा कर रहेंगे। इस दौरान आढ़ती एसोसिएाशन की ओर से अमनदीप सिंह छीना, मडी मजदूर यूनियन के राकेश तुली, रेहड़ी फडी यूनियन वल्ला सब्जी मंडी समेत किसान नेताओं गुरदेव सिंह वरपाल, चरणजीत सिंह सफीपुरा, अमोलकजीत सिंह, अजीत सिंह ठठियां, हरबिदर सिंह भलाईपुर, सखुदेव सिंह चाटीविड, बलदेव सिंह बग्गा, सविदर सिंह रूपोवाली , मुख्तार सिंह भंगवा, गुरबचन सिंह चब्बा, लखविदर सिंह डल्ला, कुलवंत सिंह राजा, दलेर सिंह कोटला आदि ने भी संबोधित किया।