वाल्ड सिटी में दो साल में हो गए 140 अवैध निर्माण

वाल्ड सिटी में प्रतिबंध के बावजूद हुए अवैध निर्माणों से नगर निगम का एमटीपी विभाग चाहे पल्ला झाड़ता रहे पर अवैध निर्माणों की पोल खुद-ब-खुद खुल गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 12:14 AM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 12:14 AM (IST)
वाल्ड सिटी में दो साल में हो गए 140 अवैध निर्माण
वाल्ड सिटी में दो साल में हो गए 140 अवैध निर्माण

विपिन कुमार राणा, अमृतसर

वाल्ड सिटी में प्रतिबंध के बावजूद हुए अवैध निर्माणों से नगर निगम का एमटीपी विभाग चाहे पल्ला झाड़ता रहे, पर अवैध निर्माणों की पोल खुद-ब-खुद खुल गई है। वाल्ड सिटी रेगुलाइजेशन एक्ट 2019 के तहत मांगे गए आवेदनों से ही स्पष्ट हो गया है कि पिछले दो सालों में किस कदर शहर में अवैध निर्माण हुए हैं। 2016 में सीनियर आइएएस अधिकारी राहुल तिवारी के नेतृत्व में बनी स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि वाल्ड सिटी में 214 निर्माण हैं, पर अब जब रेगुलराइजेशन के लिए आवेदन मांगे गए, तो 352 आवेदन एमटीपी विभाग के पास पहुंचे हैं। इससे साफ है कि पिछले दो सालों में 140 अवैध निर्माण और हुए हैं।

अवैध निर्माणों पर हाईकोर्ट तो सख्त है, पर एमटीपी विभाग के अधिकारियों के कानों जूं नहीं रेंग रही। खास बात यह है कि आइएएस राहुल तिवाड़ी की अपनी रिपोर्ट ही अब सवालों के घेरे में आ गई है। हाईकोर्ट ने 23 जुलाई तक अवैध निर्माणों पर स्टेटस रिपोर्ट देने को एमटीपी विभाग को कहा है, ताकि निर्माण करवाने वालों की सजा मुकर्रर हो सके। सिट के हलफिया बयान और पिछले पांच सालों में एमटीपी विभाग ने क्या किया, इसकी जानकारी देने को कहा गया है। इतना ही नहीं सिट से भी पूछा गया है कि उन्होंने जो नीचे निर्देश दिए, उन अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर क्या किया। इसकी जानकारी दे ताकि उनकी सजा तय की जा सके।

सील की गई बहूमंजिला इमारत में होटल बनकर तैयार, बुकिंग भी शुरू

अवैध निर्माणों के आगे एमटीपी विभाग कितना पंगू है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग ने खुद जिन इमारतों को सील किया है, वहां विभाग द्वारा सीलिग खोले बगैर ही होटल बनकर तैयार हो गए। बुकिग भी शुरू हो गई। घी मंडी चौक डोगरा ट्रांसपोर्ट के सामने पहले निगम अधिकारियों की नाक तले बहुमंजिला निर्माण हुआ। फिर सीलिग के बाद भी काम जारी रहा। विभागीय सख्ती के बाद नौ जुलाई को यहां चोर रास्ते से चल रहा काम बंद करवाया गया। इसके बावजूद काम जारी रहा और अब इमारत में होटल शुरू भी हो गया है। ऐसा ही आलम इसके बिल्कुल साथ सटी बहुमंजिला इमारत का है। 18 जुलाई 2018 को तत्कालीन निगम कमिश्नर सोनाली गिरि ने खुद इसकी बेसमेंट का लेंटर गिराया था। नोटिस पर नोटिस के बावजूद अब वहां भी बहुमंजिला निर्माण हो गया है। ऐसा ही बहुमंजिला निर्माण टाउन हाल के साथ, चील मंडी, सारागढ़ी एलिवेटिड रोड के साथ, केसरी बाग, बाजार बकरवाना, शेरावाला गेट, जलियांवाला बाग के बिल्कुल साथ, सुल्तानविड रोड मार्कीट के बाहर हो रहे हैं। खास बात तो यह है कि भीड़भाड़ वाले कटड़ा आहलुवालिया चौक में शुरू हुआ निर्माण तक विभागीय अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहा है।

80 इमारतें की थीं सील, सब जगह चल रहा निर्माण : वेरका

हाईकोर्ट में शिकायतकर्ता एडवोकेट सरबजीत सिंह वेरका ने कहा कि एमटीपी विभाग की मिलीभगत से अवैध निर्माण हो रहे हैं। निगम ने 80 इमारतें सील की थीं, पर सभी जगह काम जारी है। सिट द्वारा अपने हलफिया बयान में दी गई लिस्ट को भी अवैध निर्माण चुनौती दे रहे हैं। लिस्ट में 214 निर्माण थे, जो अब बढ़कर 352 हो गए हैं। इसकी पुष्टि विभाग के पास आए आवेदन खुद कर रहे हैं। नियमों को छिक्के पर रखकर अधिकारियों की सहभागिता से यह सारा गोरखधंधा चल रहा है। खास बात तो यह है कि एलिवेटिड रोड के नीचे, चील मंडी, इन साइड थाना बी डिवीजन में कारसेवा के नाम पर निर्माण हुए और अब वहां होटल बन गए हैं।

सिर्फ कागजों में ही रोका गया निर्माण : ढोट

नगर निगम में विपक्षी दल के उपनेता जरनैल सिंह ढोट ने कहा कि एमटीपी विभाग द्वारा सील किए गए अवैध निर्माण सिर्फ कागजों में ही सील हैं। घी मंडी चौक वाली इमारत सील होने के बावजूद वहां होटल शुरू हो गया। टाउन हाल और जलियांवाला बाग के बिल्कुल साथ भी ऐसा ही आलम है। पहले इनके निर्माण रोके गए और निर्माण गिराने के आर्डर तक जारी हुए। ये लोग स्टे ले आए और अब स्टे भी टूट चुके हैं। कुछ नेताओं के चहेते अधिकारियों पर दबाव बनाकर अवैध निर्माण करवा रहे हैं। वह पूरा मामला कमिश्नर के ध्यान में लाएंगे।

स्क्रूटनी कमेटी को रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई : रंधावा

अवैध निर्माणों को लेकर विभाग पूरी तरह से सख्त है। सीलिग के बावजूद अगर निर्माण हुआ है या फिर 30 जून 2018 के बाद कोई निर्माण हुआ है तो इसकी रिपोर्ट वह स्क्रूटनी कमेटी को देंगे। स्क्रूटनी कमेटी ही तय करेगी कि इन्हें रेगुलराइज किया जाना है या नहीं। अगर कमेटी की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो इन निर्माणों को पक्के तौर पर या तो सील किया जाएगा या फिर उन्हें गिराने की कार्रवाई की जाएगी। गलियारा में हो रहे निर्माणों को लेकर वह एटीपी से रिपोर्ट भी तलब करेंगे।

-आइपीएस रंधावा, एमटीपी

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