फूलका ने कहा- मौत से बदतर है उम्रकैद की सजा, सज्जन की फांसी के लिए नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दी गई उम्रकैद की सजा पर दंगा पीड़ितों के केस लड़ रहे आप के नेता और वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने कहा है कि उम्रकैद की सजा मौत से भी बदतर है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 08:10 PM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 09:16 AM (IST)
फूलका ने कहा- मौत से बदतर है उम्रकैद की सजा, सज्जन की फांसी के लिए नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
फूलका ने कहा- मौत से बदतर है उम्रकैद की सजा, सज्जन की फांसी के लिए नहीं जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

जेएनएन, अमृतसर। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दी गई उम्रकैद की सजा पर दंगा पीड़ितों के केस लड़ रहे आप के नेता और वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने कहा है कि उम्रकैद की सजा मौत से भी बदतर है। उनकी फांसी की सजा की मांग के लिए वह कतई सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे।

बकौल फूलका फांसी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से सज्जन कुमार के लिए फिर बचाव का कोई दरवाजा खुल सकता है। पीडि़तों को यह समझना चाहिए कि काफी जद्दोजहद के बाद सज्जन कुमार को 34 साल के बाद सजा सुनाई गई है। अब उनका लक्ष्य अन्य प्रमुख कांग्रेस नेताओं को कानून के कटघरे में खड़ा कर सजा दिलाना है। उन्होंने यह फैसला आने के बाद श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचकर शुकराने की अरदास की।

'दैनिक जागरण' से बातचीत करते हुए उन्होंने इस मामले में किसी भी तरह की राजनीतिक बात करने से मना किया लेकिन न्याय में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश...

राजनीति में आने बाद आप पर कई आरोप लगे, आपने पार्टी छोड़ी लेकिन मोटिव नहीं छोड़ा। अब आरोपितों को सजा हुई तो कैसा लग रहा है?

एडवोकेट फूलका: दंगा पीडि़तों को न्याय दिलाना मेरा फर्ज था। मुझ पर लगे आरोपों से मुझे कोई सरोकार नहीं। मैंने अपना जीवन लोगों को न्याय दिलाने को समर्पित किया है। पंजाब विधानसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते दिल्ली बार कौंसिल ने मुझे केस लडऩे से रोक दिया था। राजनीति से ज्यादा दंगा पीडि़त परिवारों को न्याय दिलवाना ज्यादा जरुरी है। इसी कारण मैनें सभी पदों से इस्तीफा दिया। लंबे संघर्ष के बाद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा होने पर मुझे खुशी है।

सज्जन कुमार के सुप्रीम कोर्ट जाने पर आप क्या करेंगे?

एडवोकेट फूलका: संभावना है कि सज्जन कुमार सर्वोच्च न्यायालय में अपील करें। हम फिर से उतनी ही मजबूती से केस लड़ेंगे जैसे हाईकोर्ट में लड़ा।  शिअद नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस केस की सुनवाई में तेजी आई और पीडि़तों को जल्द न्याय मिला है। आप क्या कहेंगे?

एडवोकेट फूलका: अदालत का फैसला आने में देरी की मूल वजह कांग्रेस थी। कांग्रेसियों ने केस को कमजोर करने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाई। सज्जन कुमार को बचाने का प्रयास हुआ, अदालती प्रक्रिया में दखलअंदाजी की गई। यहां तक कि जजों के ट्रांसफर तक करवाए गए। अगर कांग्रेस यह सबकुछ न करती तो निश्चित तौर पर फैसला कुछ सालों में ही आ जाता।

2019 के आम चुनाव पर इस फैसले का क्या असर होगा? एक राजनेता के तौर पर आप क्या कहेंगे? 

एडवोकेट फूलका: मैैं कोई राजनीतिक बात नहीं करूंगा। हां, यह जरूर कहूंगा- देर आए दुरुस्त आए। फैसले का दिन सिख कौम के लिए ऐतिहासिक दिन है।

सक्रिय राजनीति में कब तक लौटेंगे?

एडवोकेट फूलका: दंगा पीडि़त एक-एक परिवार को न्याय दिलवाने के बाद ही मैं राजनीति में लौटूंगा और चुनाव भी लड़ूंगा।

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