योगासनों की पढ़ ली 'गीता', अपने घुटनों को ही जीता

योग आज एक पूर्ण इलाज पैथी का रूप धारण करता नजर आ रहा है। बिना दवाओं से योग आसनों की मदद से विभिन्न बीमारियां ठीक हो रही हैं। यही कारण है कि लोग योग को अपना कर सेहत की संभाल करने के साथ साथ गंभीर बीमारियों से मुक्ति पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jun 2019 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jun 2019 06:31 AM (IST)
योगासनों की पढ़ ली 'गीता', अपने घुटनों को ही जीता
योगासनों की पढ़ ली 'गीता', अपने घुटनों को ही जीता

जागरण संवाददाता, अमृतसर : योग आज एक पूर्ण इलाज पैथी का रूप धारण करता नजर आ रहा है। बिना दवाओं से योग आसनों की मदद से विभिन्न बीमारियां ठीक हो रही हैं। यही कारण है कि लोग योग को अपना कर सेहत की संभाल करने के साथ साथ गंभीर बीमारियों से मुक्ति पा रहे हैं। इसके विभिन्न आसन गंभीर बीमारियों से रोगियों को मुक्ति दिला रहे हैं जिन रोगों का इलाज करने में मा‌र्ड्न प्रणाली असफल दिखाई दे रही है या फिर मा‌र्ड्न प्रणाली आपरेशन की सलाह देती हुए इसे ही अंतिम हल बताती है। वहीं योग इससे उल्ट विशेष भूमिका निभा रहा है। अमृतसर की गीता तीन वर्ष से घुटनों के दर्द से परेशान थी। 62 वर्षीय गीता का यूरिक एसिड भी बढ़ा रहता था। घुटनों के दर्द के कारण चलना फिरना मुश्किल हो गया। पहले जो डॉक्टर गीता को घुटने बदलवाने की सलाह देते थे आज वहीं डॉक्टर उसे बिना सहारे के चलते फिरते देख हैरान हैं। गीता बताती है कि पड़ोस में रहने वाली एक महिला रोज योग करने के लिए योग क्लासों में जाती थी। उसने ही योग कक्षाएं अटेंड करने की सलाह दी। इसके बाद पतंजलि की योग ट्रेनर सारिका मल्होत्रा से संपर्क किया और घुटनों की समस्या के बारे में बताया। ट्रेनर ने उसे दवाएं लेते रहने व रोजाना योग कक्षा में आने के लिए कहा। इससे पहले घुटनों की मालिश भी करवाया करती थी, फिर एलोपैथी के एक विशेषज्ञ से इलाज शुरू करवाया था। डॉक्टर ने उसे दर्द निवारक दवाओं, कुछ घुटनों पर मलने वाली क्रीम और ग्रीस बढ़ाने के कैप्सूल दे दिए, जितना समय खाई गई दवाओं का असर रहता तब तक राहत मिलती रहती। यह समस्या करीब साढ़े चार वर्ष पहले शुरू हुई थी। दवाओं से स्थाई हल नहीं निकल रहा था तो डॉक्टर से घुटने बदलवाने तक की सलाह दे दी। करीब दो वर्ष से लगातार योग कर रही है। इसका परिणाम यह हुआ कि आज वह बिना सहारे चल फिर सकती है। दवाएं दस प्रतिशत रह गई हैं।

रोजाना 60 मिनट करती है योग

गीता सुबह तेज गति से सैर भी करती है। एक घंटा रोजाना योगासन करती है। गीता ने बताया कि उसे योग कक्षा में हर रोज मंडूक आसन, वक्र आसन, कपालभाति, प्राणायाम, साइकलिंग, पवन मुक्त आसन, बटरफ्लाई आसन, मरकट आसन करवाए गए जो आज तक लगातार कर रही है। अब तो डॉक्टर भी कहने लगे है कि यह चमत्कार कैसे हुआ। आज उसे कोई भी डॉक्टर घुटने बदलवाने की सलाह नहीं दे रहा। योग आसनों को उसने जीवन का हिस्सा बना लिया है।

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