गुरुनानक देव अस्पताल में निजी लेबोरेट्री के का¨रदों में खूनी झड़प

गुरुनानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) के डॉक्टरों व निजी लेबोरेट्री संचालकों के बीच कमीशन का ऐसा गोरखधंधा चल रहा है जिससे प्रत्यक्ष रूप में मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 May 2018 08:42 PM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 08:42 PM (IST)
गुरुनानक देव अस्पताल में निजी लेबोरेट्री के का¨रदों में खूनी झड़प
गुरुनानक देव अस्पताल में निजी लेबोरेट्री के का¨रदों में खूनी झड़प

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) के डॉक्टरों व निजी लेबोरेट्री संचालकों के बीच कमीशन का ऐसा गोरखधंधा चल रहा है जिससे प्रत्यक्ष रूप में मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है। डॉक्टरों की जेबें भरने वाले निजी लेबोरेट्री के का¨रदे मंगलवार को अस्पताल में ही एक-दूसरे के खून के प्यासे बन गए। दो निजी लेबोरेट्रीज के का¨रदों के बीच खूनी झड़प हुई। इस दौरान एक गुट ने दूसरे गुट पर दातर से हमला किया। हमले में मजीठा रोड स्थित एक निजी लेबोरेट्री का का¨रदा जख्मी हुआ है। घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। मरीज सहम गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक का¨रदे लड़-झगड़कर वहां से गायब हो चुके थे।

यह झगड़ा अस्पताल में वर्षों से चले आ रहे अड्डा सिस्टम को लेकर हुआ। मजीठा रोड पर निजी लेबोरेट्रीज की भरमार है। हर लेबोरेट्री संचालक जीएनडीएच में आने वाले मरीजों को अपनी लेबोरेट्री में टेस्ट करवाने के लिए दबाव बनाता है। लेबोरेट्री के का¨रदे अस्पताल में चौबीसों घंटे जमे रहते हैं। जैसे ही मरीज ओपीडी से बाहर निकलता है, ये का¨रदे उसे घेर कर खड़े हो जाते हैं। उनकी पर्ची छीनकर कहते हैं कि वह उनके टेस्ट सस्ते में करवा देंगे।

मंगलवार को मजीठा रोड स्थित दो निजी लेबोरेट्री के का¨रदे गुरुनानक देव अस्पताल में स्थित गायनी वार्ड में पहुंच गए। ये का¨रदे गायनी वार्ड में जांच के लिए आईं गर्भवती महिलाओं को अपनी-अपनी लेबोरेट्री में ले जाने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच एक गर्भवती महिला को अपनी लैब में ले जाने को लेकर का¨रदों में तू-तू मैं-मैं हुई। देखते ही देखते बात हाथापाई तक पहुंच गई। इसके बाद एक पक्ष के का¨रदों ने दूसरे पक्ष के का¨रदों पर दातर से हमला कर दिया। राजबीर ¨सह नामक का¨रदे के कान व सिर पर वार किए गए। हमले में राजबीर का कान कट कर लटक गया। गायनी वार्ड की ओपीडी में हुए इस घटनाक्रम के बाद फर्श पर खून फैल गया। घटना को अंजाम देने के बाद सभी का¨रदे वहां से खिसक गए। राजबीर को गंभीर अवस्था में गुरुनानक देव अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में दाखिल करवाया गया।

सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाना मजीठा रोड पुलिस ने घायल के बयान दर्ज किए। एसएचओ प्रेमपाल ने बताया कि मरीज को अपनी लेबोरेट्री में ले जाने को लेकर यह झगड़ा हुआ था। इनके बीच कुछ दिन पहले भी तकरार हुई थी। तब भी आपसी सहमति से मामले का निपटारा हुआ। अब मामले की जांच की जा रही है। हालांकि दोनों पक्ष समझौता करने को तैयार हैं। निजी लेबोरेट्री और डॉक्टरों के बीच अटूट गठजोड़

जीएनडीएच में हुई यह घटना सरकारी डॉक्टरों और निजी लेबोरेट्रीज के बीच अटूट गठजोड़ की बानगी है। इस अस्पताल में हार्ट व किडनी रोगों को छोड़कर तकरीबन सभी टेस्टों की सुविधा उपलब्ध है। इसके बावजूद कुछ डॉक्टरों की शह पर निजी लेबोरेट्री संचालक अस्पताल में घुसपैठ कर मरीजों को पकड़कर अपनी लैब में ले जाते हैं। टेस्ट करने के बाद मरीज से मोटी राशि वसूली जाती है। इसका एक बड़ा हिस्सा डॉक्टर की पॉकेट में जाता है। अस्पताल में किन-किन टेस्टों की सुविधा है, इसकी सूची कहीं नहीं दिखती। यही वजह है कि निजी लेबोरेट्रीज के कारिंदे मरीजों को आसानी से फांस लेते हैं। इनकी घुसपैठ रोकने में अस्पताल प्रशासन भी नाकाम रहा है। पिछले कई वर्षों से निजी लेबोरेट्री व निजी मेडिकल स्टोरों और डॉक्टरों ने मरीजों को कमाई का जरिया बना लिया है।

दबे पांव अस्पताल में पहुंच जाते हैं का¨रदे : एमएस

अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने कहा कि वह चंडीगढ़ में विभागीय मी¨टग में थे। घटना की जानकारी मिली है। निजी लेबोरेट्री के का¨रदे दबे पांव अस्पताल में प्रवेश करते हैं। हमें जब भी इनके आने की जानकारी मिलती है तो हमने इन्हें खदेड़ा है। ये लोग मरीजों के बीच खड़े रहते हैं, इसलिए पहचान कर पाना मुश्किल होता है। फिलहाल अस्पताल के सुरक्षा कर्मचारियों व स्टाफ को हिदायत की गई है कि वे निजी का¨रदों को देखते ही बाहर का रास्ता दिखा दें। यदि फिर भी नहीं मानते तो पुलिस में शिकायत करें। डॉक्टरों को स्पष्ट कहा गया है कि वे मरीजों को निजी लेबोरेट्री सेंटरों में न भेजें। अस्पताल में टेस्टों की सुविधा है।

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