महंगाई के विरोध में सिद्धू-जाखड़ सहित विधायकों का प्रदर्शन

महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जिसे देश के राजनेता अक्सर भुनाने की कोशिश करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 May 2018 08:59 PM (IST) Updated:Thu, 31 May 2018 08:59 PM (IST)
महंगाई के विरोध में सिद्धू-जाखड़ सहित विधायकों का प्रदर्शन
महंगाई के विरोध में सिद्धू-जाखड़ सहित विधायकों का प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, अमृतसर : महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जिसे देश के राजनेता अक्सर भुनाने की कोशिश करते हैं। सत्तापक्ष हमेशा ही इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहा है। राजनेताओं का मकसद सिर्फ राजनीति चमकाना और जनता के दिलों पर हमदर्दी का मरहम लगाना होता है। महंगाई पर राजनीति की चमक वीरवार को अमृतसर में दिखी। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू व सांसद सुनील जाखड़ ने केंद्र सरकार के खिलाफ अमृतसर में रोष मार्च निकाला।

दरअसल, वर्ष 2012 में भी 'भाजपाई' सिद्धू ने पेट्रोल की मूल्य वृद्धि के खिलाफ हाथी पर सवार होकर रोड शो निकाला था। तब भी विरोध महंगाई का था और आज भी। अंतर केवल इतना है कि तब सिद्धू भाजपा में थे, इसलिए कांग्रेस के खिलाफ बोले और अब कांग्रेस के साथ हैं तो भाजपा पर निशाना साधा। उस समय भाजपा मुख्यालय खन्ना स्मारक से हाथी पर सवार होकर निकले सिद्धू ने कांग्रेस पर जनता विरोधी होने की तोहमत लगाई थी। सिद्धू ने कांग्रेस को भ्रष्ट करार देते हुए जड़ से उखाड़ फेंकने की सार्वजनिक घोषणा भी की। सिद्धू ने कांग्रेस को खोखला बताकर लोगों से अपील की थी कि वे अपने वोट की ताकत पहचानें। कांग्रेस को जड़ से उखाड़ फेंकें। जनवरी 2017 में दल बदलकर भाजपाई से कांग्रेसी हुए सिद्धू ने वीरवार को अमृतसर में भाजपा के खिलाफ नारे लगाए। सिद्धू ने न कार्यकर्ताओं की बात सुनी और न ही मीडिया से मुखाबित हुए। सिर्फ केंद्र सरकार हाय—हाय के नारे लगाते हुए कचहरी चौक से डिप्टी कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। डीसी कमलदीप ¨सह संघा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा।

डीसी को दिए ज्ञापन में सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया। सरकार की गलत नीतियों की वजह से लोग परेशान हैं। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब भाजपा तेल की बढ़ती कीमतों की आलोचना करती थी। वर्ष 2012 में भारत बंद का आह्वान कर भाजपा नेताओं ने जनता के सामने भावुक भाषण दिए थे। तब भाजपा विपक्ष में थी, इसलिए पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रित करने में अक्षम थी। अब तो केंद्र में भाजपा की सरकार है, तो फिर जनता को राहत क्यों प्रदान नहीं की जा रही। शायद भाजपा अपने ही कहे शब्दों को भूल गई है। वर्ष 2012 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे की कीमत 104.09 डॉलर प्रति बैरल थी। तब मनमोहन ¨सह सरकार ने देशवासियों को डीजल 40.91 रुपये तथा पेट्रोल 73.18 रुपये प्रति लीटर मुहैया करवाया था। अब प्रति डॉलर कच्चे तेल की कीमत 67.50 डॉलर प्रति बैरल है तो देशवासियों को डीजल 69 रुपये व पेट्रोल 80 रुपये प्रति लीटर क्यों मिल रहा है। जून 2004 में कच्चे तेल की कीमत 35.54 डॉलर थी तब मनमोहन ¨सह की अगुवाई वाली कांग्रेस ने डीजल 22.74 रुपये तथा पेट्रोल 35.71 रुपये प्रति लीटर देशवासियों को उपलब्ध करवाया। फरवरी 2016 में कच्चे तेल की कीमत गिरकर 31.03 पहुंची तो एनडीए ने डीजल 44.96 व पेट्रोल 59.95 रुपये प्रति लीटर खरीदने के लिए देश को मजबूर किया।

इस अवसर पर विधायक इंद्रबीर ¨सह बुलारिया, सुनील दत्ती, डॉ. राजकुमार वेरका, हरप्रताप ¨सह अजनाला, संतोख ¨सह भलाईपुर, सुख¨वदर ¨सह डेनी बंडाला, मेयर कर्मजीत सिहं ¨रटू, डिप्टी मेयर यूनुस कुमार, भगवंत पाल ¨सह सच्चर, सुख¨जदर राज ¨सह लाली मजीठिया, विकास सोनी, ममता दत्ता, तरसेम ¨सह डीसी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा, पंजाब कांग्रेस के महासचिव एडवोकेट राजीव भगत, एमके शर्मा, इंद्रजीत ¨सह बासरके, डॉ. सुभाष थोबा, विल्सन लाडी शेरगिल सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

खड़े रह गए गजराज पैदल निकल गए सिद्धू-जाखड़

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन के लिए हाथी का इंतजाम किया था। हाथी के माथे पर मोदी सरकार हाय—हाय का नारा लिखा था, जबकि पीठ पर लटकाए बैनर पर पेट्रोल मूल्य वृद्धि वापस लो लिखा गया था। कचहरी चौक पर जैसे ही सिद्धू व जाखड़ अपनी कारों से बाहर निकले कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। दोनों नेता और विधायक सीधे डीसी ऑफिस की ओर कूच कर गए। गजराज खामोशी से अपनी जगह पर खड़े रह गए।

धक्का मुक्की और अनुशासनहीनता

कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करते हुए सिद्धू—जाखड़ डीसी ऑफिस की ओर बढ़ते चले गए। अपने नेता को एक नजर देखने की हसरत लेकर इस प्रदर्शन में शामिल हुए कार्यकर्ता धक्का—मुक्की करते हुए नजर आए। एक कार्यकर्ता सिद्धू के आगे आया तो सिद्धू ने उसे धक्का मारते हुए आगे कर दिया। पसीने से तर—ब—तर महिला कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कह दिया कि यह कैसा प्रदर्शन है। कोई व्यवस्था नहीं।

कचहरी चौक पर लगा ट्रैफिक जाम

शहर को चार हिस्सों में विभाजित करने वाला कचहरी चौक आज जाम से थर्रा उठा। सैकड़ों कार्यकर्ता कचहरी चौक पर ही जमे हुए थे। सरकुलर रोड, एयरपोर्ट रोड, सरूप रानी कॉलेज रोड व हॉल गेट को जाने वाली रोड पर पहुंचे वाहन चालक तकरीबन आधा घंटा तक फंसे रहे। मंत्री व विधायकों की हूटर मारती गाड़ियों के रुख्सत होने के बाद जाम खुला।

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