पीपीसीसी प्रधान सिद्धू, तीनों कैबिनेट मंत्रियों और पांच सीटिग विधायकों पर कांग्रेस ने खेला दांव

विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को पहली सूची जारी की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 01:30 AM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 01:30 AM (IST)
पीपीसीसी प्रधान सिद्धू, तीनों कैबिनेट मंत्रियों और पांच सीटिग विधायकों पर कांग्रेस ने खेला दांव
पीपीसीसी प्रधान सिद्धू, तीनों कैबिनेट मंत्रियों और पांच सीटिग विधायकों पर कांग्रेस ने खेला दांव

विपिन कुमार राणा, अमृतसर: विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को पहली सूची जारी की। इसमें अमृतसर जिले की 11 विधानसभा सीटों में से 10 पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। गायक लखविदर वडाली को अटारी विधानसभा सीट से उतारने की अटकलों के बीच इस सीट को अभी होल्ड कर लिया गया है। दूसरी तरफ पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी, कैबिनेट मंत्री सुखबिदर सिंह सुखसरकारिया सहित पांचों सीटिग विधायकों पर ही कांग्रेस ने दांव खेलना उचित समझा है।

अमृतसर जिले की लगभग सभी सीटों पर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारा है। उपमुख्यमंत्री ओमप्रकाश सोनी अपनी डबल हैट्रिक के लिए मैदान में उतरेंगे। सोनी तीन बार लगातार विधानसभा हलका पश्चिमी में विजयी रहे, वहीं पिछली दो बारियों से केंद्रीय हलके से अपने प्रतिद्वंदियों को मात दे रहे हैं। कैबिनेट मंत्री सुखबिदर सिंह सुखसरकारिया ने 2017 के चुनाव में हैट्रिक बनाई थी, इस बार वह चौथी बार राजासांसी हलके से जीत के लिए चुनाव लड़ेंगे। हलका पूर्वी से सिद्धू परिवार हैट्रिक के लिए चुनावी रण में डटेगा। 2012 में सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू विजयी रही थीं, जबकि 2017 में सिद्धू ने कांग्रेस की टिकट पर जीत दर्ज की थी। कैबिनेट मंत्री डा. राजकुमार वेरका भी विधानसभा हलका पश्चिमी से हैट्रिक के लिए उतरेंगे। 2012 और 2017 में वह इसी हलके से दो बार जीते हैं। विधानसभा हलका दक्षिणी से विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया भी हैट्रिक के लिए चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 2008 के उपचुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी। उसे मिलाकर यह उनकी चौथी जीत होगी। सभी सिटिग विधायकों पर ही विश्वास

कांग्रेस हाईकमान ने अमृतसर जिले में अपने सिटिग विधायकों पर ही विश्वास व्यक्त किया है। विधानसभा हलका अजनाला से दोबारा हरप्रताप सिंह अजनाला को टिकट दी है। विधानसभा हलका उत्तरी से विधायक सुनील दत्ती, जंडियाला गुरु से विधायक सुखविदर सिंह डैनी, बाबा बकाला से विधायक संतोख सिंह भलाईपुर को टिकट देते हुए उन पर विश्वास व्यक्त किया है। हरप्रताप अजनाला लगातार 2002 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। पहले उन्होंने उपचुनाव 2005 और फिर 2017 में जीत दर्ज की। दत्ती ने 2012 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा, पर जीत 2017 में उत्तरी हलके से मिली। डैनी और भलाईपुर 2017 में पहली बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। मजीठा में भाई वर्सेज भाई : लाली मजीठिया के विरुद्ध जग्गा मजीठिया

विधानसभा हलका मजीठा में 2017 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर सुखजिदर राज सिंह लाली मजीठिया ने लड़ा था। इस बार अपनी टिकट कटने की संभावना को देखते हुए वह पहले ही आम आदमी पार्टी में चले गए थे और आप ने उन्हें मजीठा से अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस पर लाली मजीठिया की जगह उनके भाई जगविदर सिंह जग्गा मजीठिया को पार्टी टिकट दी है। दोनों भाई इस चुनाव में आमने सामने खड़े होंगे। विधानसभा हलका अमृतसर पूर्वी से सीट

प्रोफाइल : नवजोत सिंह सिद्धू

पूर्व क्रिकेटर, स्थानीय निकाय मंत्री पंजाब रहे। 2004 में भाजपा की टिकट पर अमृतसर से लोकसभा सीट पर विजयी रहे। 2006 में हत्या के आरोप के मामले का सामना करने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दिया। 2009 में अपने कांग्रेस विरोधी सुरिदर सिगला को 77626 मतों के अंतर से पराजित किया। मोदी सरकार ने अप्रैल 2016 में राज्यसभा में नामांकित किया। हालांकि 18 जुलाई, 2016 को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। सितंबर 2016 में भाजपा से इस्तीफा दे दिया। जनवरी 2017 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में पूर्वी अमृतसर से चुनाव लड़ते हुए 42,809 मतों के अंतर से विजयी रहे। विधानसभा हलका पश्चिमी : ओम प्रकाश सोनी

सोनी कांग्रेस के कद्दावर नेता है। 1991 में अमृतसर के पहले मेयर बने। आल इंडिया मेयर कौसिल के चेयरमैन रहे। 1997 व 2002 को आजाद रूप से विजयी रहे, जबकि 2007 में कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा हलका पश्चिमी से चुनाव जीता। 2012, 2017 में कांग्रेस की टिकट पर केंद्रीय हलके से चुनाव जीते। पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने के साथ उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। विधानसभा हलका राजासांसी : सुखबिदर सिंह सरकारिया

अमृतसर देहाती कांग्रेस के प्रधान रहने के अलावा मंडी बोर्ड के चेयरमैन, ब्लाक समिति के चेयरमैन रहे। 2007 में पहली बार विधानसभा पहुंचे। उसके बाद 2012 और 2017 का चुनाव जीतते हुए जीत की अपनी हैट्रिक बनाई। पंजाब एनर्जी डवलपमेंट एजेंसी और मंडी बोर्ड के चेयरमैन रहे। विधानसभा हलका पश्चिमी: डा. राजकुमार वेरका

वेरका राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष रहे। 2002 में वेरका विधानसभा से पहली बार चुनाव जीता। 2007 का चुनाव हार गए। 2012 व 2017 में विधानसभा पश्चिम से विधायक बने। वह पंजाब विधानसभा में कैबिनेट मंत्री हैं। विधानसभा हलका दक्षिण : इंदरबीर सिंह बुलारिया

तीन बार विधायक चुने गए। अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे। 2016 में अकाली दल छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और विस हलका दक्षिण से विधायक चुने गए। विधानसभा हलका उत्तरी : सुनील दत्ती

तीन बार पार्षद, एक बार मेयर निर्वाचित हुए। 2012 में विधानसभा पूर्वी से चुनाव लड़ा और हार गए। वर्ष 2017 के चुनाव में उनकी किस्मत चमकी और पार्टी से फिर टिकट मिली। आखिर विस हलका उत्तरी से उन्होंने चुनाव जीत लिया। विधानसभा हलका अजनाला : हरप्रताप सिंह अजनाला

2005 के उपचुनाव में पहली बार विधायक बने। 2017 में जीत कर विधानसभा में गए। पूर्व स्पीकर व शिक्षा मंत्री हरचरण सिंह अजनाला के बेटे हैं। डिस्ट्रिक्ट यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष, महासचिव के पदों पर कार्य करने के अलावा पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ये महासचिव रहे हैं। विधानसभा हलका जंडियाला गुरु : सुखबिदर सिंह डैनी

2005 में यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष के तौर पर राजनीति शुरू की। वेलफेयर आफ एससीएसटी/बीसी पंजाब विधानसभा कमेटी के सदस्य रहे। 2009 में फरीदकोट से लोकसभा का चुनाव लड़ा। 2017 में जंडियाला गुरु से विधायक चुने गए। विधानसभा हलका बाबा बकाला: संतोख सिंह भलाईपुर

सरपंची से राजनीति की शु्रुआत करने वाले संतोख सिंह मार्केट कमेटी खडूर साहिब के डायरेक्टर और डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस कमेटी तरनतारन के महासचिव रहे। 2017 में पहली बार बाबा बकाला से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा हलका मजीठा : जगविदर सिंह जग्गा मजीठिया

जग्गा मजीठिया जिला कांग्रेस कमेटी देहाती के कार्यकारी प्रधान है। सुखजिदर राज सिंह लाली मजीठिया के छोटे भाई हैं। 1992 में नगर काउंसिल मजीठा से पार्षद चुने गए थे। इसके बाद 1999 से 2003 तक प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव रहे।

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