आखिरकार जीएनडीएच में शुरू हुए डिजिटल टेस्ट

अस्पताल प्रशासन ने यूजर चार्जेस की राशि से खरीदीं फिल्में -पहले दिन ट्रायल में 10 मरीजों के

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 06:58 PM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 06:58 PM (IST)
आखिरकार जीएनडीएच में शुरू हुए डिजिटल टेस्ट
आखिरकार जीएनडीएच में शुरू हुए डिजिटल टेस्ट

अस्पताल प्रशासन ने यूजर चार्जेस की राशि से खरीदीं फिल्में

-पहले दिन ट्रायल में 10 मरीजों के हुए एक्सरे, अगले सप्ताह स्वास्थ्य मंत्री करेंगे औपचारिक उद्घाटन। जागरण संवाददाता, अमृतसर :

आखिरकार गुरुनानक देव अस्पताल प्रशासन ने मरीजों शिकायत सुन ली। तकरीबन आठ माह के इंतजार के बाद इस अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन ऑन हो गई है। तीन करोड़ की लागत वाली मशीन को चलाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने साढ़े पांच लाख रुपये खर्च कर फिल्में खरीद ली हैं। यह राशि यूजर चार्जेज से खर्च की गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि यूजर चार्जेज को अपनी मर्जी से अस्पताल की बेहतरी के लिए खर्च किया हो। इससे पहले यह राशि फाइनांस विभाग चंडीगढ़ के पास जाती थी।

सोमवार को मेडिकल कॉलेज की ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता शर्मा, रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग के मुखी डॉ. रमेश चंद्र व अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने इस मशीन का ट्रायल लिया। डॉ. रमेश चंद्र ने कहा कि एक्सरे मशीन के साथ डिजिटल अल्ट्रासाउंड मशीन भी शुरू कर दी गई है। अगले सप्ताह स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा अस्पताल पहुंचकर इनका औपचारिक शुभारंभ करेंगे। हालांकि ये मशीनें आज से ही मरीजों को समर्पित कर दी गई हैं।

गौरतलब है कि एक निजी कंपनी की ओर से आठ माह पूर्व डोनेट की गई ये मशीनें सिर्फ इसलिए ऑन नहीं हो पाई, क्योंकि अस्पताल के पास डिजिटल फिल्में नहीं थीं। इस संदर्भ में 'दैनिक जागरण' ने विस्तृत समाचार प्रकाशित किए थे। इसका परिणाम यह निकला कि स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा ने गुरुनानक देव अस्पताल में मरीजों से प्राप्त होने वाले सरकारी शुल्क यूजर चार्जेज को अस्पताल स्तर पर ही खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी। अस्पताल प्रशासन ने पहली बार यूजर चार्जेज का उपयोग करते हुए डिजिटल फिल्में खरीदी हैं। पहले दिन एक्सरे मशीन से दस मरीजों के टेस्ट किए गए हैं। टेस्ट रिपोर्ट की क्वॉलिटी बहुत बढि़या है।

3डी व 4डी अल्ट्रासाउंड मशीन बताएगी रोग की विकरालता

रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग में 3डी व 4डी अल्ट्रासाउंड मशीन भी वर्किंग ऑर्डर में आ गई है। इस मशीन से शरीर में सूक्ष्मतम बीमारियों को डायग्नोस किया जा सकता है। विभाग के मुखी डॉ. रमेश चंद्र ने बताया कि इस मशीन को संचालित करने के लिए स्टाफ को ट्रे¨नग दे दी गई है। एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनें ऑन होने के बाद अब इमरजेंसी में होने वाले सभी टेस्ट रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग में होंगे। इससे मरीजों को इधर उधर भटकना नहीं होगा।

गर्भवती महिलाओं, सरकारी कर्मचारियों व घायलों के निशुल्क होंगे टेस्ट

डिजिटल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनों में गर्भवती महिलाओं, सरकारी कर्मचारियों व सड़क हादसों में घायल लोगों के टेस्ट निशुल्क होंगे। वहीं जनरल मरीजों को सिर्फ 100 रुपये देने होंगे, जबकि यह टेस्ट निजी सेंटरों में 350 रुपये में होता है। हालांकि जिले में किसी भी निजी एवं सरकारी अस्पताल में ऐसी अत्याधुनिक मशीनें नहीं।

यूजर चार्जेस से होंगे कई काम : डॉ. सु¨रदर पाल

अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने कहा कि यूजर चार्जेज खर्च करने की अनुमति मिलने के बाद अब अस्पताल में कई जरूरी काम निपटाए जा सकेंगे। सेनेटरी, सफाई व खराब पड़े चिकित्सा उपकरणों की रिपेयर करवाई जाएगी।

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