ब्लड बैंक की कारस्तानी : अपनों से खून की मांग, परायों को ऑन डिमांड

अमृतसर स्वास्थ्य विभाग की लुभावानी घोषणाएं लोगों को अक्सर खुशी से सराबोर कर देती हैं, लेकिन इन घोषणाओं अथवा योजनाओं का लाभ लेने के लिए खून के आंसू रोना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 12:42 AM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 12:42 AM (IST)
ब्लड बैंक की कारस्तानी : अपनों से खून की  मांग, परायों को ऑन डिमांड
ब्लड बैंक की कारस्तानी : अपनों से खून की मांग, परायों को ऑन डिमांड

— निजी अस्पतालों को बिना डोनर ब्लड दे रहा है सरकारी ब्लड बैंक

— गुरु नानक देव अस्पताल में एडमिट एक मरीज द्वारा ब्लड मांगने पर डोनर मांगा गया, निजी अस्पताल को तत्काल दिया गया ब्लड

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नितिन धीमान, अमृतसर

स्वास्थ्य विभाग की लुभावानी घोषणाएं लोगों को अक्सर खुशी से सराबोर कर देती हैं, लेकिन इन घोषणाओं अथवा योजनाओं का लाभ लेने के लिए खून के आंसू रोना पड़ता है। 1 जनवरी नववर्ष के दिन स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा ने घोषणा की थी कि सरकारी अस्पतालों में स्थित ब्लड बैंकों में निशुल्क ब्लड मिलेगा। नियम भी बनाया कि किसी भी सूरत में मरीज को ब्लड के लिए इंकार न किया जाए। दूसरी तरफ गुरु नानक देव अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में कर्मचारियों का एक ऐसा नेटवर्क चल रहा है जो निजी अस्पतालों को ऑन डिमांड ब्लड उपलब्ध करवा रहा है, जबकि सरकारी अस्पतालों से आने वाले मरीजों से डोनर की मांग की जा रही है। बुधवार को ब्लड बैंक के स्टाफ ने होली हार्ट अस्पताल से आई डिमांड के आधार पर ओ-पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड तत्काल उपलब्ध करवा दिया। इसी बीच गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल एक मरीज का अटेंडेंट ब्लड बैंक में ब्लड की मांग करता रहा, पर स्टाफ ने साफ कहा कि पहले डोनर लाओ फिर ब्लड ले जाओ।

दरअसल, एयरपोर्ट रोड निवासी राज¨वदर कौर नामक महिला की डिलीवरी इसी अस्पताल में की जानी थी। राज¨वदर के पति मनप्रीत ¨सह के अनुसार बुधवार सुबह गायनी डॉक्टर ने मुझसे कहा कि हम राज¨वदर को लेबर रूम में ले जा रहे हैं। उसकी डिलीवरी ऑपरेशन से होगी, इसलिए आप फटाफट बी-पॉजिटिव ब्लड का इंतजाम कर लो। मैं अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक में पहुंचा और स्टाफ से ब्लड की मांग की। इस पर स्टाफ ने कहा कि आप डोनर लेकर आओ, फिर ब्लड देंगे। मैंने स्टाफ से कहा कि मेरी पत्नी की डिलीवरी हो रही है और आपातकालीन स्थिति में ब्लड की जरूरत है। आप ब्लड दे दो, मैं कुछ देर बाद डोनर भेज दूंगा, पर स्टाफ ने मेरी बात नहीं सुनी।

इसी दौरान ब्लड बैंक के स्टाफ को एक निजी अस्पताल से फोन आया। स्टाफ ने तत्काल चार यूनिट ब्लड का बंदोबस्त करके वहां भेज दिया। अंतत: मैंने तरनतारन जिले में रहने वाले अपने दोस्त मन¨जदर को फोन कर अमृतसर बुलाया। मन¨जदर ने ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट किया। इस सारी प्रक्रिया में साढ़े तीन घंटे लग गए। ब्लड बैंक के स्टाफ ने मेरे साथ मनमानी करने के बाद ब्लड दिया। ब्लड लेकर मैं लेबर रूम में पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि इतनी देर क्यों लगा दी, राज¨वदर का ऑपरेशन करने में देरी हो रही है। डिलीवरी के बाद मेरी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया।

मनप्रीत ¨सह के अनुसार ब्लड बैंक स्टाफ ने मुझे मानसिक पीड़ा दी। यदि लेबर रूम में मेरी पत्नी के साथ कुछ अप्रिय हो जाता तो इसका जिम्मेवार कौन होता। ये लोग अपनी कुर्सी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। इनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। खून के आंसू रूला रहा है ब्लड बैंक : राजू

सामाजिक कार्यकर्ता रा¨जदर शर्मा राजू ने कहा कि ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मचारियों की शहर के कुछ निजी अस्पतालों के साथ सांठगांठ है। ये कर्मचारी निजी हितों की पूर्ति के लिए ब्लड बैंक का ब्लड निजी अस्पतालों में भेज रहे हैं। निजी अस्पतालों में दाखिल उन लोगों को ब्लड भेजा जाता है जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब तबके से संबंधित मरीजों को खून के आंसू रुलाया जा रहा है।

दूसरी बार ब्लड लेने आया था अटेंडेंट : डॉ. नीरज शर्मा

ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. नीरज शर्मा का कहना है कि मैंने स्टाफ से पूछा था कि आपने निजी अस्पताल को ब्लड कैसे दे दिया। स्टाफ ने बताया है कि निजी अस्पताल में जिस शख्स को ब्लड की जरूरत थी, उसके पास ब्लड डोनेशन का सर्टिफिकेट था। इसका मतलब यह है कि उस शख्स ने कभी न कभी ब्लड डोनेट किया था। ब्लड डोनेट करने वालों को नियमानुसार ब्लड देना ही पड़ता है। वहीं गुरु नानक देव अस्पताल में एडमिट महिला राज¨वदर कौर के मामले में स्टाफ ने स्पष्टीकरण दिया है कि उसका पति मनप्रीत पहले भी ब्लड ले गया था। तब भी उसने डोनर नहीं दिया। हम किसी से डोनर की मांग नहीं करते, अपील करते हैं कि अगर डोनर है तो ले आएं, अगर नहीं है तो ब्लड दे दिया जाता है। मैंने पहली बार ब्लड मांगा

वहीं मनप्रीत ¨सह ने डॉ. नीरज शर्मा के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ आज ही ब्लड लेने आया था। पहले कभी ब्लड बैंक से ब्लड की मांग नहीं की। डॉ. नीरज शर्मा गलत बयान दे रही हैं। असल में ब्लड बैंक में भारी अनियमितताएं फैली हैं, जो अब धीरे धीरे उजागर हो रही हैं। इन्हें छिपाने के लिए डॉ. नीरज शर्मा झूठ बोल रही हैं। मुझसे डोनर की मांग की थी। मैंने दे दिया, क्योंकि मैं जानता हूं कि ब्लड बैंक को भी ब्लड की जरूरत है, पर ब्लड बैंक के स्टाफ को यह समझना चाहिए कि इमरजेंसी हालात में मरीज से डोनर की मांग न की जाए।

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