अमृतसर की बार्डर इंडस्ट्री के लिए विशेष पैकेज और एग्जीबिशन सेंटर के लिए नहीं मिला फंड

बजट में औद्योगिक विकास के लिए इस बार 3163 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Jun 2022 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 28 Jun 2022 07:00 AM (IST)
अमृतसर की बार्डर इंडस्ट्री के लिए विशेष पैकेज और एग्जीबिशन सेंटर के लिए नहीं मिला फंड
अमृतसर की बार्डर इंडस्ट्री के लिए विशेष पैकेज और एग्जीबिशन सेंटर के लिए नहीं मिला फंड

जासं, अमृतसर: पंजाब सरकार की ओर से बजट पेश किया गया है। बजट में औद्योगिक विकास के लिए इस बार 3163 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। साथ ही व्यापारीआयोग गठित करने और उसमें सभी सदस्य व्यापारी व कारोबारी रखने की भी घोषणा की गई है। इन दोनों ही घोषणाओं को व्यापार जगत ने काफी सराहा है। हालांकि व्यापारियों की कई अहम मांगें अधूरी रह गई। इनमें बार्डर इलाके के लिए सबसिडी देने संबंधी पालिसी बनाना, पट्टी-मक्खू रेल लिक के लिए जमीन अधिग्रहण करना, प्रोफेशनल टैक्स को खत्म करना, उद्योग के लिए बिजली रेट पांच रुपये निर्धारित करना, बार्डर जिला होने कारण इकनामिक पैकेज घोषित करना, 60 साल की आयु के बाद व्यापारियों की पेंशन का प्रावधान आदि शामिल है। जिसको लेकर व्यापार जगत में एक बार फिर से निराशा है।

बजट से उद्योगपतियों को उम्मीद थी कि बार्डर जिला होने के कारण विशेष पैकेज दिया जाएगा। इसके अलावा सबसिडी स्कीम लाई जाएगी। विशेष पैकेज में उद्योगपतियों को यूनिट लगाने के लिए लिए सस्ते रेटों पर जमीन मुहैया करवाना, इसके साथ बिजली के रेटों को कम करना, जीएसटी में छूट देना, इसके साथ ही मशीनरी की खरीद पर सबसिडी देने आदि की मांग की जा रही थी, मगर इनका भी कोई जिक्र नहीं किया गया। पट्टी-मक्खू रेल लिक प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने सभी तरह की क्लीयरेंस दी हुई है। मगर राज्य सरकार की ढील के कारण कई सालों से यह प्रोजेक्ट अटका हुआ है। सरकार की ओर से जमीन एक्वायर करने संबंधी हदबंदी भी कर ली गई है। लेकिन जमीन एक्वायर करने की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। पंजाब सरकार ने 70 करोड़ रुपये जारी कर किसानों से जमीन लेकर रेलवे को हैंडओवर करनी है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। जिस कारण यह प्रोजेक्ट लगातार लटका हुआ है। इस रेल लिक के बन जाने पर अमृतसर मुबंई के बीच की दूरी 250 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। जिससे व्यापारियों को काफी ज्यादा फायदा होगा। पहली बार 3163 करोड़ रखना सराहनीय : सेठ

शाल इंडस्ट्री के उद्योगपति एवं पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ ने कहा कि उनकी लंबे समय से मांग थी कि औद्योगिक विकास के लिए पांच हजार करोड़ रुपये बजट में रखे जाएं। हालांकि ऐसा पहली बार हुआ कि मौजूदा पंजाब सरकार ने 3163 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है जोकि सराहनीय है। पिछले साल केवल 289 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। इसके अलावा कुछ अन्य मांगें अभी भी लंबित हैं। इसको लेकर जल्द ही पंजाब सरकार के वित्त मंत्री से मुलाकात भी की जाएगी, क्योंकि उनकी अहम मांग 60 साल की आयु के बाद व्यापारियों की पेंशन का प्रावधान के बारे में कोई बात नहीं हुई। एग्जीबिशन सेंटर, पट्टी-मक्खू रेल लिक आदि संबंधी कोई घोषणा नहीं: डालमिया

केमिकल के उद्यमी एवं फोकल प्वाइंट एसोसिएशन के चेयरमैन कमल डालमिया ने कहा कि ने कहा कि उद्योगपति और व्यापारी कई सालों से शहर में एग्जीबिशन सेंटर बनाने की मांग कर रहे है। पट्टी-मक्खू रेल लिक का काम शुरु नहीं करवाया जा रहा है। प्रोफेशनल टैक्स खत्म करने की मांग थी। मगर बजट में इन सभी के बारे कोई घोषणा नहीं की गई है। भले ही 3163 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। मगर अमृतसर के लिए कोई भी खास घोषणा नहीं हुई। होटल, रेस्तरां का पूरी तरह गला घोंट दिया: चट्ठा

अमृतसर होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन सिविल लाइन के प्रधान एपीएस चट्ठा ने कहा कि सरकार ने बजट से पहले ही होटल इंडस्ट्री का गला घोंट दिया है, क्योंकि नई एक्साइज पालिसी में बार फीस को लगभग दोगुना कर दिया है। बीयर बार की वार्षिक फीस, जोकि पहले ढाई लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया है और शराब की वार्षिक लाइसेंस फीस चार लाख रुपये से सात लाख रुपये कर दी है। ऐसे में बार में ग्राहक आने से कन्नी कतराएगा और सड़कों पर गाड़ियों में बैठ कर शराब पीने का कल्चर बढ़ेगा। जिससे बदमाशी और गुंडागर्दी भी बढ़ेगी।

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