राष्ट्र एकीकरण के निर्माता थे लौह पुरुष सरदार पटेल: प्रो. लाल
अमृतसर वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की ओर से लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के 144वें जन्म दिवस पर समारोह का आयोजन किया गया।
जागरण न्यूज नेटवर्क, अमृतसर
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की ओर से लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के 144वें जन्म दिवस पर समारोह का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यातिथि पूर्व डिप्टी स्पीकर पंजाब प्रो. दरबारी लाल ने सरदार पटेल के राष्ट्र के प्रति महत्वपूर्ण योगदान पर विस्तारपूर्वक रोशनी डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट में उन्होंने गृह एवमं उप प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी निभाई। अंग्रेजों ने भारत छोड़ने से पहले इसे 2 हिस्सों में बांट दिया। भारत में उस समय 565 स्वतंत्र रियासतें थी, जिन्हें अंग्रेजों ने अधिकार दिया कि वह अपनी इच्छा के अनुसार भारत, पाकिस्तान या स्वतंत्र रहना चाहें, तो रह सकती हैं। कई राजा, महाराजा, नवाब भारत में विलय के खिलाफ थे। परंतु सरदार पटेल ने अपनी योग्यता, दक्षता और दूरदर्शिता से इन स्वतंत्र रियासतों का भारत में विलय करवा कर विश्व के देशों को हैरान कर दिया। कई छोटी-छोटी रियासतों में 20-20 गांव ही थे। परंतु कुछ रियासतें जिनमें हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल, टरावन कौर, जोधपुर, जम्मू कश्मीर बड़ी रियासतें थी। जिनका रवैया शुरू में बड़ा अड़ियल था। परंतु सरदार पटेल ने करीब करीब सभी रियासतों को भारत में मिलाकर एक महान राष्ट्र का निर्माण किया और भारतीयों की तकदीर की तामीर की। उनकी इस कार्यवाही के कारण ही उन्हें जर्मनी के लौह पुरुष बिसमार्क से तुलना की जाती है। हकीकत में सरदार पटेल ने राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरो दिया और अन्यथा देश में बिखराव पैदा हो जाता।
प्रो. लाल ने उनके जन्म दिन पर उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि हमें उनके जीवन से संकल्प लेना चाहिए कि हम राष्ट्र की एकता, अखंडता, आपसी भाईचारा, सामाजिक सद्भावना और सौहार्द को बनाकर रखे। ताकि राष्ट्र विश्व में प्रगति के पथ पर अग्रसर रहें। इस अवसर पर एडवोकेट करनैल ¨सह मोहकमपुरा, विपन मेहरा, संजीव अरोड़ा, ¨प्रसिपल आरके भारद्वाज, अजय महेश्वरी, बावा सेठ, नवदीप मनन, जनकराज लाली, हरीश अरोड़ा आदि मौजूद थे।