भ्रष्ट अफसरों कर रहे मनमानियां, पार्षदों की लोगों में हो रही बेइज्जती

अमृतसर नगर निगम का सारा सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है। भ्रष्ट अफसरों का बोलबाला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Sep 2018 07:29 PM (IST) Updated:Sun, 02 Sep 2018 07:29 PM (IST)
भ्रष्ट अफसरों कर रहे मनमानियां, पार्षदों की लोगों में हो रही बेइज्जती
भ्रष्ट अफसरों कर रहे मनमानियां, पार्षदों की लोगों में हो रही बेइज्जती

जागरण संवाददाता, अमृतसर

नगर निगम का सारा सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है। भ्रष्ट अफसरों का बोलबाला है। वह न तो काम कर रहे हैं और न ही उन्हें सीटों से बदला जा रहा है। निगम में हावी अफसरशाही की वजह से पार्षदों व जनप्रतिनिधियों की लोगों में बेइज्जती हो रही है। विकास ठप पड़ा है और विकास की 50 हजार की फाइलें बंद करने से परेशानी और बढ़ गई है। कुछ ऐसा ही दुखड़ा निगम के सिस्टम से त्रस्त सत्ताधारी पार्षदों ने आज आपस में सांझा किया।

लम्डसन क्लब में विधानसभा हलका पश्चिमी, उत्तरी, केंद्रीय, दक्षिण व पूर्वी के 15 पार्षद व उनके प्रतिनिधि लामबंद हुए और डेढ़ घंटे तक चली गुप्त बैठक में उन्होंने वर्तमान में बने हुए हालातों पर चर्चा की। निगम सदन के गठन के सात माह बीत जाने के बावजूद पार्षदों की किसी भी प्रकार की सुनवाई न होने पर जहां उन्होंने विरोध दर्ज करवाया, वहीं उनकी सबसे बड़ी आपत्ति निगम द्वारा पचास हजार की विकास की फाइलों को बंद करने को लेकर रही। पार्षद व पार्षद प्रतिनिधियों का कहना था कि 20 हजार से ऊपर के काम ई-टेंडर से करने का फरमान जारी करने से उन्हें काफी दिक्कत आ रही है। छोटे-छोटे विकास के काम न होने की वजह से उनके लिए लोगों के बीच जाना तक मुश्किल हुआ पड़ा है। इसके अलावा उन्होंने अफसरशाही द्वारा पार्षदों की सुनवाई न करने पर भी कड़ा विरोध दर्ज करवाया। सर्वसहमति से निर्णय लिया गया है कि वह पार्षदों को पेश आ रही मुश्किलों को लेकर सोमवार या मंगलवार को मेयर कर्मजीत ¨सह ¨रटू से मुलाकात करेंगे। जब बैठक को लेकर पार्षद व पार्षद प्रतिनिधियों से बात की गई तो उनका कहना था कि यह उनकी निजी बैठक है, इसके बारे में वह कुछ नहीं कहना चाहते। 50 हजार में हो जाते थे छोटे-मोटे काम

पार्षद व उनके प्रतिनिधियों का कहना था कि पूर्व में निगम में रहे पचास हजार की फाइलों के सिस्टम से कम से कम पार्षदों के छोटे-छोटे काम हो जाते थे। 20 हजार में कोई भी काम करवाना संभव नहीं है। बड़े विकास के काम हो नहीं रहे, ऐसे में 50 हजार की फाइलों से छोटे-छोटे काम करवाते हुए लोगों के बीच जाने का जरिया बना हुआ था। इसके बंद होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है और उन्हें लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है।

पार्षदों की लामबंदी से बढ़ेगी परेशानी

विपक्षी तो पहले ही निगम के सिस्टम से दुखी है, ऐसे में सत्ताधारी पार्षदों के ही अव्यवस्थाओं के खिलाफ लामबंद होने से मेयर ओर कमिश्नर की मुश्किलें बढ़ेगी। आज पांचों विधानसभा हलकों के लगभग 25 के करीब पार्षदों को बैठक के लिए बुलाया गया था, जिसमें से 15 पार्षद व पार्षद प्रतिनिधि हाजिर रहे और उन्होंने एकसुर में निगम के सिस्टम को कोसा। ऐसे में अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता तो आने वाले दिनों में यह विरोध ओर बढ़ेगा।

बैठक में हाजिर रहे पार्षद व प्रतिनिधि

आज क्लब में हुई बैठक में पार्षद व उनके प्रतिनिधियों के एकमंच पर आने से एक बात तो साफ है कि वह खुद ही सिस्टम से खुश नहीं है। बैठक में पार्षद महेश खन्ना, सतीश बल्लू, अश्वनी कालेशाह, रामबली, प्रदीप ¨रका, सुनील कौंटी, परमजीत ¨सह चोपड़ा, हरनेक नेका, अश्वनी नवी, छवि ढिल्लो, रमन रम्मी, दीपक राजू, संजीव टांगरी, विनीत गुलाटी आदि हाजिर रहे और भविष्य में हर समस्या में एक साथ चलने की हुंकार भी भरी।

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