नायब तहसीलदार के कार्रवाई के आश्वासन पर तोड़ा मरणव्रत

करीब तीन वर्ष पहले इलाज के दौरान डाक्टरों की कथित लापरवाही के कारण पत्नी की हुई मौत का न्याय न मिलने पर रोडे शाह कॉलोनी निवासी सतीश कुमार ने मरणव्रत शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Jul 2018 07:36 PM (IST) Updated:Sun, 01 Jul 2018 07:36 PM (IST)
नायब तहसीलदार के कार्रवाई के 
आश्वासन पर तोड़ा मरणव्रत
नायब तहसीलदार के कार्रवाई के आश्वासन पर तोड़ा मरणव्रत

जागरण संवाददाता, अमृतसर

करीब तीन वर्ष पहले इलाज के दौरान डाक्टरों की कथित लापरवाही के कारण पत्नी की हुई मौत का न्याय न मिलने पर रोडे शाह कॉलोनी निवासी सतीश कुमार ने मरणव्रत शुरू कर दिया। भंडारी पुल पर सतीश अपनी मां कमलजीत , बेटियों कीर्ती व रिधमा था बहन सुनंदा के साथ मरण व्रत पर बैठ गया। इस परिवार को न्याय दिलवाने के लिए मानव अधिकारी संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने भी समर्थन दे दिया। वहीं कई अन्य सामाजिक संस्थाएं भी पीडि़त के पक्ष में आ गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार अर्चना, विधायक सुनील दत्ती और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ममता दत्ता मौके पर पहुंची। अनशन पर बैठे परिवार को आश्वासन दिया कि आरोपितों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी और न्याय दिलवाया जाएगा। तब कहीं जाकर परिवार ने मरण व्रत वापस लिया।

सतीश कुमार निवासी रोडे शाह कालोनी ने बताया कि तीन वर्ष पहले उसकी पत्नी का इलाज शहर के ही एक निजी अस्पताल में करवाया गया। वहां डाक्टरों की कथित लापरवाही के कारण उसकी पत्नी की मौत हो गई। इसी दौरान सामने आया था कि जिन डाक्टरों ने उसकी पत्नी का ऑपरेशन किया था, वह ऑपरेशन करने के लिए क्वालीफाइड डाक्टर ही नहीं थे। वहीं इस संबंधी उसकी ओर से समय समय सिविल सर्जन और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सबूतों के साथ शिकायतें भी दर्ज करवाई गई। इस मामले में तत्कालीन सिविल सर्जन ने मामले की जांच भी की थी। सिविल सर्जन ने जिला प्रशासन को निजी अस्पताल की कथित लापरवाही के कारण उसके खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा था। क्योंकि अस्पताल में रोगियों का इलाज करने वाले डाक्टरों की रजिस्ट्रेशन व योग्यता की डिग्रियां अस्पताल के अधिकारियों की ओर से सिविल सर्जन को जांच के दौरान मुहैया नहीं करवाई गई थी। सिविल सर्जन ने अस्पताल के खिलाफ कारवाई करने के लिए डीसी को रिपोर्ट भी भेजी थी । बावजूद इसके आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई थी। इस के चलते पीडि़त न्याय के लिए सरकारी अधिकारियों के कार्यालयों में धक्के खाता रहा। आश्वासनों के सिवा पीडि़ता को कुछ नहीं मिला। इस को मुख्य रखते हुए पीड़ित ने न्याय के लिए डीसी को मरण व्रत शुरू करने का प्रार्थना पत्र दिया और मरण व्रत शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को मुख्य रखते हुए तहसीलदार अर्चना शर्मा मौके पर पहुंची और पीडि़त परिवार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वसन देते हुए जूस पिला कर मरण व्रत खत्म करवाया। इस अवसर पर विजय शर्मा , एडवोकेट शाम शर्मा , संजीत बुडलान , महक उप्पल , रानी देवी, रेखा देवी, जवाहरलाल शर्मा नीलम ठाकुर , सुरेश राय व अभय शंकर आदि भी मौजूद थे।

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