चुनावी डयूटी खत्म, पुलिस पेंडिग केसों का निपटारा करने में जुटी

पिछले डेढ़ महीने से चुनावी डयूटी में उलझी पुलिस अब पेंडिग केसों को सुलझाने में जुट गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 06:08 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 06:23 AM (IST)
चुनावी डयूटी खत्म, पुलिस पेंडिग केसों का निपटारा करने में जुटी
चुनावी डयूटी खत्म, पुलिस पेंडिग केसों का निपटारा करने में जुटी

जासं, अमृतसर : पिछले डेढ़ महीने से चुनावी डयूटी में उलझी पुलिस अब पेंडिग केसों को सुलझाने में जुट गई है। कई दिनों से लगातार वीवीआइपी डयूटी, रोड शो, रैलियों आदि में डयूटियां रहने के कारण थानों का काम लटक रहा था। इस दौरान लोगों की शिकायतों का समाधान अच्छे तरीके से नहीं हो पा रहा था। मामूली शिकायत दर्ज करवाने के लिए भी थानों के कई चक्कर काटने पड़ रहे थे। कभी थाना प्रभारी नहीं मिलता था तो कभी जो भी डयूटी अफसर होता वह भी नाके पर या फिर रोड शो के दौरान सुरक्षा व्यस्था देखने में अपनी डयूटी निभा रहा होता था। इस कारण थाने से जवाब मिल रहा था कि डयूटी अधिकारी नहीं है। इसलिए बाद में आ जाएं।

बता दें कि पिछले समय के दौरान हर एक थाने में रोजाना 3-4 ऐसी शिकायतें पहुंच रही थी। जिन्हें केवल टाल-मटोल कर वापस भेज दिया जाता था। इनमें बहुत सारी शिकायतें स्नैचिग, वाहन चोरी, मोबाइल झपटने की भी थी। जिनकी तरफ ध्यान तक नहीं दिया गया। हालांकि इस दौरान पुलिस ने कई केस भी दर्ज किए थे। इनमें या तो किसी की गिरफ्तार नहीं हो पाई या फिर व्यस्त शेड्यूल रहने के कारण जांच रिपोर्ट नहीं बन पाई। मगर अब सभी थाना प्रभारी इन पुराने केसों के निपटारे में जुट गए है। तीन दिन तक नहीं लिखी रिपोर्ट

मजीठा रोड निवासी शिव राज का कहना है कि कुछ दिन पहले उसका मोबाइल फोन गुम हो गया था। वह इसकी शिकायत दर्ज करवाने के लिए थाने गया था। मगर वहां पर शिकायत लेने वाला कोई नहीं मिला। वह लगातार तीन दिन तक चक्कर काटता रहा। जब भी थाने में जाता था तो पता चलता कि पुलिस चुनावी डयूटी में व्यस्त है। तीन दिन के बाद पुलिस सांझ केंद्र में उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस कमिश्नर की ओर से इस संबंधी आदेश जारी कर दिए है। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों के साथ मीटिग कर छोटे-छोटे पेंडिग केसों का निपटारा जल्द से जल्द करने को कहा है। लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। हालांकि जो भी कोई बड़ा मामला रहा है। उसे साथ-साथ क्लियर किया जाता रहा है।

जगजीत सिंह वालिया, एडीसीपी

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