डॉक्टर ने बाहरी दवा लिखी तो खैर नहीं

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और निजी मेडिकल स्टोरों का वर्

By Edited By: Publish:Thu, 25 Aug 2016 09:12 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2016 09:12 PM (IST)
डॉक्टर ने बाहरी दवा लिखी तो खैर नहीं

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और निजी मेडिकल स्टोरों का वर्चस्व तोड़ने के लिए अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. रामस्वरूप शर्मा ने कड़ा फैसला लिया है। उन्होंने एक आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई डॉक्टर बाहर की दवा लिखेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होना तय है। अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यही वजह है कि पंजाब सरकार ने डिस्पेंसरी में दवाओं का स्टॉक उपलब्ध करवाया है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि अस्पताल के सभी विभागों के डॉक्टरों को पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि यदि डिस्पेंसरी में दवा नहीं है तो पर्ची पर दवा का नाम लिखने की बजाय सॉल्ट लिखें। इससे दवा कंपनियों और डॉक्टरों के बीच की सांठगांठ खत्म होगी।

यहां उल्लेख करना जरूरी है कि जुलाई में मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग की डायरेक्टर डॉ. मनजीत मोही सरकारी मेडिकल कॉलेज में चल रहे विकास कार्यो का निरीक्षण करने पहुंची थी। इस दौरान दैनिक जागरण ने उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया था कि अस्पताल के कुछ डॉक्टर निजी मेडिकल स्टोरों से सांठगांठ कर मरीजों को महंगी दवाएं खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। डॉ. मोही ने स्पष्ट कहा था कि अब मरीजों को डिस्पेंसरी से ही दवाएं मिलेंगी। इसी कड़ी में अस्पताल के एक डॉक्टर ने मरीज को निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं लाने को मजबूर किया। इसका विरोध आरटीआई कार्यकर्ता राजिंदर शर्मा राजू ने किया था। मामले की जानकारी मिलने पर मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने डिस्पेंसरी से ही दवाएं उपलब्ध करवाई थीं। डॉ. रामस्वरूप ने कहा कि इस आदेश का पालन अब हर डॉक्टर को करना होगा। जल्द ही अस्पताल में जन औषधि केंद्र क्रियान्वित होगा। इस केंद्र में मरीजों को वाजिब मूल्य पर जेनरिक दवाएं मिलेंगी।

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