भारत-पाक तनाव घटने के तीन संकेत, आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की शुरुआत

पाकिस्तान सरकार की तरफ से आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की शुरुआत के साथ अपनी तरफ से तनाव घटाने के भी संकेत देना शुरु कर दिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 05 Mar 2019 09:15 PM (IST) Updated:Tue, 05 Mar 2019 09:15 PM (IST)
भारत-पाक तनाव घटने के तीन संकेत, आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की शुरुआत
भारत-पाक तनाव घटने के तीन संकेत, आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की शुरुआत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों में पिछले दस दिनों से चल रहे तनाव के माहौल में अब कुछ नरमी आने के संकेत है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की शुरुआत के साथ अपनी तरफ से तनाव घटाने के भी संकेत देना शुरु कर दिया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को देर शाम जारी एक रिलीज में तीन बातें बताई गई हैं।

-पहला, भारत से बुलाये गये उच्चायुक्त अब नई दिल्ली लौट रहे हैं।

-दूसरा, करतारपुर कारीडोर पर दोनो पक्षों के बीच बातचीत पूर्व निर्धारित तिथि यानी 14 मार्च, 2019 को शुरु हो रही है। इसके लिए पाकिस्तान का दल नई दिल्ली पहुंचेगा जबकि इसके जवाब में भारत का दल 28 मार्च, 2019 को इस्लामाबाद पहुंचेगा जहां कारीडोर पर आगे की वार्ता होगी।

-तीसरा, साप्ताहिक स्तर पर दोनो देशों के सैन्य संचालकों के निदेशालयों की बैठक को भी जारी रखने का फैसला किया गया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पहले ही यह स्पष्ट किया था कि करतारपुर कारीडोर को लेकर बातचीत निश्चित समय पर ही होगी।

उधर, भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि सीमा पार आतंक के मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है बल्कि पहले से ज्यादा पुरजोर तरीके से इसे उठाया जाएगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की हर तरकीब भी आजमाई जाएगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत अभी सबसे ज्यादा आतंकी फंडिंग पर जोर देगा। खास तौर पर अगले तीन महीने के दौरान भारत की कोशिश होगी कि आतंकी फंडिंग रोकने में पाकिस्तान के स्तर पर हो रही ढिलाई को लेकर एक एक तकनीकी तथ्य जुटा कर इसकी निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एफएटीएफ (फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स) को सौंपा जाए।

फरवरी में इसकी बैठक में पाकिस्तान को कोई राहत नहीं दी गई और उसे तीन महीने का और वक्त दिया गया है कि आतंकी संगठनों पर रोक लगाने के लिए वह और पुख्ता कदम उठाये। जून, 2019 में एफएटीएफ की बैठक होनी है जिसमें फिर से समीक्षा की जाएगी। उक्त सूत्रों के मुताबिक हम तकनीकी स्तर पर उन सारी जानकारियों को उपलब्ध कराएंगे जो बताएगा कि पाकिस्तान सरकार किस तरह से आतंकी फंडिंग को रोकने में असफल हो गई है।

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