हाथ मरोड़कर कोई चुप नहीं करा सकता: स्मृति ईरानी

'जागरण राउंड टेबल' में विशेष चर्चा में मंत्री ने साफ कर दिया है कि उन्हें कोई डरा नहीं सकता है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Sat, 03 Mar 2018 07:36 PM (IST) Updated:Sat, 03 Mar 2018 07:36 PM (IST)
हाथ मरोड़कर कोई चुप नहीं करा सकता: स्मृति ईरानी
हाथ मरोड़कर कोई चुप नहीं करा सकता: स्मृति ईरानी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सूचना प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती में तनातनी की खबरों के बीच सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रसार भारती के कामकाज पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि निजी टेलिविजन ब्राडकास्टर आधे से भी कम खर्च में बेहतर कंटेंट उपलब्ध करा रहे हैं जबकि जनता के टैक्स के पैसे की बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद प्रसार भारती के कार्यक्रमों की लोकप्रियता और गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है। 'जागरण राउंड टेबल' में विशेष चर्चा में मंत्री ने साफ कर दिया है कि उन्हें कोई डरा नहीं सकता है। वह जानती हैं कि छवि बिगाड़ने की कोशिश हो रही है लेकिन वह सरकारी पैसे के खर्च की जवाबदेही का सवाल उठाना नहीं छोड़ेंगी।

देश के एकमात्र सार्वजनिक ब्रॉडकास्टर प्रसार भारती की स्वायत्तता में दखलंदाजी की खबरें पिछले कुछ दिनों से चर्चा में रही हैं। स्मृति से जब टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने बेबाक कहा- इन खबरों का लक्ष्य यह होता है कि स्मृति ईरानी का थोड़ा हाथ मरोड़ दो, जिससे समाज में उसकी गलत इमेज बने और वो सवाल पूछना छोड़ दे। लेकिन ऐसा नहीं होगा, मैं इस कुर्सी पर बैठी इसीलिए हूं कि जिम्मेदारी तय हो, टैक्सपेयर के पैसों का जवाब दिया जाए और संस्थान दूसरे ब्राडकास्टर की तुलना में अच्छा करे।'

स्मृति ने कहा कि देश के आम आदमी के टैक्स का लगभग 2500 करोड रुपये हर साल पब्लिक ब्राडकास्टर को जिंदा रखने के लिए दिया जाता है। ताकि इन पैसों से देशभर में ब्राडकास्ट का एक नेटवर्क बिछाए। प्रसार भारती में कंटेंट को लेकर बहुत सारी चुनौतियां हैं। प्राइवेट ब्राडकास्टर प्रसार भारती के आधे बजट में बेहतर काम करके ज्यादा रेवेन्यू ले जाते हैं। ऐसे में सरकार और सूचना व प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी बनती है कि वो आय कर दाताओं के पैसे की जवाबदेही तय करे।

सरकार के एफएम रेडियो के विस्तार पर आगे बढऩे के फैसले का खुलासा करते हुए सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि देश भर में 600 नये एफएम रेडियो स्टेशनों की नीलामी की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि निजी एफएम रेडियो पर न्यूज कंटेंट को अनुमति नहीं दिये जाने की दो टूक बात कह स्मृति ने साफ कर दिया कि रेडियो न्यूज पर आकाशवाणी का एकाधिकार बना रहेगा। निजी एफएम चैनलों को आकाशवाणी के समाचार बुलेटिन को भी रिले करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

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