Shivraj Cabinet: शपथ लेते ही एक्टिव हुए मंत्री, शिवराज ने बताया मंत्रिमंडल छोटा होने का कारण
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए हमने अभी मंत्रिमंडल छोटा रखने का निर्णय लिया हैलेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में 29 दिनों से अकेले सरकार चला रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का मंगलवार को गठन हो गया। राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में सादे समारोह में डॉ.नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, मीना सिंह और कमल पटेल को मंत्री पद की शपथ दिलाई। शपथ लेते ही सभी मंत्री सक्रिय हो गए। शपथ ग्रहण के बाद सभी नवनियुक्त मंत्री सीधे मंत्रालय पहुंचे।
सभी मंत्रियों ने कहा- कोरोना संकट से निजात दिलाना पहली प्रथमिकता
कोरोना संक्रमण के चलते सीमित व्यक्तियों की मौजूदगी में शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इस दौरान सभी मंत्रियों ने एक सुर में कहा कि हमारी प्राथमिकता कोरोना संकट से प्रदेश को निजात दिलाने की है। हम मुख्यमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। अभी इन मंत्रियों को प्रदेश के 10 संभागों में से प्रत्येक को दो-दो संभागों की जिम्मेदारी दी गई है।
कोरोना संकट को देखते हुए मंत्रीमंडल छोटा रखा गया है: शिवराज
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए हमने अभी मंत्रिमंडल छोटा रखने का निर्णय लिया है,लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा,छोटा परन्तु संतुलित मंत्रिमंडल है,समाज के प्रत्येक वर्ग को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। उम्मीद के मुताबिक ही कोरोना संकट को देखते हुए शिवराज मंत्रिमंडल छोटा ही रखा गया है। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक दो मंत्री शामिल किए गए हैं। तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को सिंधिया का सबसे भरोसेमंद माना जाता है। पूर्ववर्ती कमल नाथ सरकार में भी दोनों मंत्री थे। वहीं, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह पहले भी मंत्री रह चुके हैं।
शपथ लेते ही कैबिनेट बैठक
शपथ ग्रहण के बाद सभी नवनियुक्त मंत्री सीधे मंत्रालय पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की पहली बैठक हुई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शारीरिक दूरी का पालन किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत, पूर्व मंत्री संजय पाठक, विधायक मोहन यादव, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी सहित गिने चुने नेता व अधिकारी मौजूद थे।
कोरोना से निपटने के लिए दो-दो संभाग सौंपे : सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पांच मंत्रियों को दो-दो संभागों का प्रभार दिया गया है। सभी मंत्री संभाग आयुक्त, आइजी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य अमले से समन्वय करके कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे। जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संगठनों आदि का सक्रिय सहयोग लेने के साथ जनता से भी फीडबैक लेंगे।
किसे कहां का प्रभार
- डॉ.नरोत्तम मिश्रा : भोपाल व उज्जैन
- तुलसी सिलावट : इंदौर और सागर
- कमल पटेल : जबलपुर व नर्मदापुरम
-गोविंद सिंह राजपूत : चंबल व ग्वालियर
-मीना सिंह : रीवा एवं शहडोल संभाग
लंबे समय तक बिना कैबिनेट सरकार चलाने वाले पहले सीएम बने चौहान
गौरतलब है कि राज्य में सियासी संकट व कांग्रेस के 22 विधायकों की बगावत के बाद कमल नाथ सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज ने अकेले शपथ ली थी। तब से वे अकेले ही सरकार चला रहे थे। वे देश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने सबसे लंबे समय तक अकेले सरकार चलाई। हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने 26वें दिन मंत्रिमंडल का गठन कर लिया था, मगर शिवराज नया रिकार्ड बनाया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) और उनके साथी मंत्री ने मिलकर पूरे 68 दिन तेलंगाना में राज किया था।