Whatsapp जासूसी कांड पर कांग्रेस का दावा, प्रियंका गांधी का फोन हुआ हैक; सरकार से पूछे 5 सवाल

व्हाट्सएप जासूसी कांड (Whatsapp Snoopgate) को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रही है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 03 Nov 2019 05:00 PM (IST) Updated:Sun, 03 Nov 2019 07:53 PM (IST)
Whatsapp जासूसी कांड पर कांग्रेस का दावा, प्रियंका गांधी का फोन हुआ हैक; सरकार से पूछे 5 सवाल
Whatsapp जासूसी कांड पर कांग्रेस का दावा, प्रियंका गांधी का फोन हुआ हैक; सरकार से पूछे 5 सवाल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। व्हाट्सएप हैक को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस ने कहा कि प्रियंका गांधी का मोबाइल भी हैक हुआ था। पार्टी ने कहा कि जिनके फोन हैक किए गए थे, उन्हें व्हाट्सएप ने मैसेज भेजे थे, ठीक वैसा ही मैसेज प्रियंका गांधी को भी आया था। हालांकि इस मैसेज में फोन हैक किए जाने जैसी कोई जानकारी नहीं थी।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि व्हाट्सएप ने जैसा मैसेज प्रियंका गांधी को भेजा था, वैसा ही मैसेज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी भेजा गया था। दोनों ही नेताओं ने हाल ही में सरकार पर मोबाइल फोन को हैक कराने का आरोप लगाया था।

सरकार चुप्पी साधे बैठी रही

सुरजेवाला ने कहा कि व्हाट्सएप ने सरकार को फोन हैक होने की जानकारी व्हाट्सएप ने अप्रैल और मई 2019 में ही दी थी। बावजूद इसके सरकार इस पर चुप्पी साधे बैठी रही। इस बीच सितंबर में आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने व्हाट्सएप और फेसबुक के उपाध्यक्ष और सीईओ से मुलाकात भी की, लेकिन इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की।

संसद की स्थाई समितियों से जांच कराने की मांग

भाजपा को भारतीय जासूस पार्टी बताते हुए सुरजेवाला ने कहा कि देश के विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं, पत्रकारों और प्रबुद्ध लोगों के मोबाइल फोन को टेप करवाया जा रहा है। जो निजता का पूरी तरह से हनन है। शनिवार को कांग्रेस के महासचिवों की हुई उच्च स्तरीय बैठक में भी इसकी चर्चा हुई है। कांग्रेस ने इस दौरान इस पूरे मामले की गृह और दूरसंचार मंत्रालय की संसद की स्थाई समितियों से जांच कराने की मांग की।

कांग्रेस ने सरकार से पूछे पांच सवाल

1- क्या सरकार लोकसभा चुनाव के समय भी जासूसी कर रही थी।

2- सरकार में किसने स्पाइवेयर को खरीदने की इजाजत दी थी।

3- क्या इस खरीदी की अनुमति प्रधानमंत्री, गृह मंत्री या एनएसए किसने दी?।

4- जब सारी जानकारी थी, तो फिर चुप्पी क्यों ?

5- इनमें शामिल लोगों की यदि संलिप्तता सामने आती है, तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?

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