पीएम मोदी बोले- संघर्ष टालने का भारतीय तरीका कठोर बल नहीं, बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संघर्ष को टालने का भारतीय तरीका कठोर बल प्रयोग नहीं बल्कि बातचीत की शक्ति है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 10:14 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 10:14 PM (IST)
पीएम मोदी बोले- संघर्ष टालने का भारतीय तरीका कठोर बल नहीं, बातचीत
पीएम मोदी बोले- संघर्ष टालने का भारतीय तरीका कठोर बल नहीं, बातचीत

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया जब बददिमाग नफरत, हिंसा, संघर्ष और आतंकवाद से निजात की राह ढूंढ रही है तो भारतीय जीवन पद्धति उनके लिए आशा की किरण है। उन्होंने कहा कि संघर्ष को टालने का भारतीय तरीका कठोर बल प्रयोग नहीं बल्कि बातचीत की शक्ति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को वीडियो के जरिए केरल के कोझिकोड में 'भारतीय विचारों का वैश्वीकरण' पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, 'जब खुलापन होता है तो विभिन्न विचारों और खोजों के प्रति आदर स्वाभाविक रूप से आता है।' उन्होंने कहा कि शोध के प्रति भारतीयों के उत्साह के चलते विश्व का ध्यान देश की ओर खिंच रहा है। दुनिया भारत की ओर उसके शांति, एकता और भाईचारे के गुणों के चलते ही देख रही है। विभिन्न भाषाओं, परंपराओं, आदतों और विश्वासों के बावजूद सदियों से हम शांति से रहते आ रहे हैं। सदियों से अपनी भूमि पर हमने दुनिया का स्वागत किया है। हमारी सभ्यता समृद्ध होती गई जबकि बहुतों के साथ ऐसा नहीं हुआ। किस लिए, क्योंकि यहां उन्हें शांति और समरसता मिली।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ताकत ही यही है कि उसके विचार अब जीवंत परंपराएं बन चुकी हैं। सरल और संव‌िर्द्धत परंपराओं में कठोरता नहीं है। वैश्विक शांति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दशकों से भारत संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक शांति अभियानों का सबसे बड़ा हिस्सा रहा है। अगर दुनिया के सबसे संघर्ष वाले इलाकों में शांति की हल्की सी भी गुंजाइश रही है तो हमारे सैनिकों ने वहां महती भूमिका निभाई है।

मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि अगर वह प्रगति करेगा तो विश्व प्रगति करेगा। जब विश्व समृद्ध होगा तो भारत को भी उसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता समृद्ध होती रही क्योंकि वह हर अच्छी चीज को आत्मसात करने को तत्पर है। विश्व को भारतीय योगदान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि शून्य की खोज ने गणित के अध्ययन की दिशा ही बदल गई। हमारा देश ऊर्जावान युवाओं से भरपूर है। हमारी विविधता भरी आबादी हमें निवेश के लिए सर्वोच्च बनाती है। उद्योग जगत से हर कोई आज भारत में होना चाहता है। प्रधानमंत्री ने आइआइएम कैंपस में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का भी अनावरण किया।

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