श्रमिक ट्रेनों से कमाई के आरोप पर पीयूष गोयल का राहुल को जवाब, सोनिया जी के वादे का क्‍या हुआ

राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के समय श्रमिक ट्रेनों से आपदा को मुनाफे में बदल दिया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल पर करारा पलटवार किया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 06:59 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2020 01:34 AM (IST)
श्रमिक ट्रेनों से कमाई के आरोप पर पीयूष गोयल का राहुल को जवाब, सोनिया जी के वादे का क्‍या हुआ
श्रमिक ट्रेनों से कमाई के आरोप पर पीयूष गोयल का राहुल को जवाब, सोनिया जी के वादे का क्‍या हुआ

नई दिल्ली, पीटीआइ। लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए चलाई गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अब बंद हो गई हैं लेकिन इन ट्रेनों को लेकर सियासत अब भी जारी है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर लॉकडाउन में भी लाभ कमाने का आरोप लगाया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने पलटवार करते हुए कहा है कि देश को लूटने वाले ही सब्सिडी को लाभ बता सकते हैं।

पीयूष गोयल ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, देश को लूटने वाले ही सब्सिडी को मुनाफा बता सकते हैं। रेलवे ने राज्य सरकारों से ली गई राशि से कहीं अधिक पैसा श्रमिक ट्रेनों को चलाने में लगाया। अब लोग पूछ रहें हैं कि सोनिया जी (Congress president Sonia Gandhi) के टिकट के पैसे देने के वादे का क्या हुआ?

इससे पहले, राहुल गांधी ने श्रमिक स्पेशन ट्रेनों से हुई कमाई का दावा करने वाली एक खबर को टैग करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, 'बीमारी के बादल छाए हैं, लोग मुसीबत में हैं लेकिन गरीब विरोधी सरकार आपदा को मुनाफे में बदलने में लगी है।' कांग्रेस नेता ने जो खबर शेयर की उसके मुताबिक, कोरोना महामारी के वक्त में भारतीय रेल ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 428 करोड़ रुपये की कमाई की है।

वहीं, सरकारी डाटा के मुताबिक रेलवे ने साढ़ चार हजार से ज्यादा श्रमिक ट्रेनों के परिचालन पर 2,142 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि उसे सिर्फ 429 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। गौरतलब है कि 24 मार्च को देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद तमाम शहरों में बड़ी संख्या में प्रवासी फंस गए थे। उन्हें उनके उनके गृह जिले तक पहुंचाने के लिए सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की थी जो एक मई से चलाई गई थीं।

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