भवन निर्माण में हो रहा निर्भया फंड का इस्तेमाल, संसदीय समिति नाखुश;जताई आपत्ति
संसदीय समिति ने निर्भया फंड का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उसने कहा कि इस तरह के आवंटन महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य को नाकाम करते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। संसदीय समिति ने निर्भया फंड का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उसने कहा कि इस तरह के आवंटन महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य को नाकाम करते हैं। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने गुरुवार को कहा, ‘समिति का यह दृढ़ विचार है कि भवनों के निर्माण के लिए धन अन्य स्रोतों से आना चाहिए। यह निर्भया फंड से नहीं लिया जाए।’
समिति ने कहा कि वह इस बात की पुरजोर सिफारिश करती है कि गृह मंत्रालय को निर्भया फंड से भवनों के निर्माण जैसी योजनाओं के लिए राशि आवंटन से बचना चाहिए और इसके मूल उद्देश्यों पर ही बने रहना चाहिए।समिति ने कहा कि क्षतिपूर्ति से संबंधित योजनाओं के लिए निर्भया फंड से धनराशि का आवंटन इसके प्रभाव को कम करने वाला होगा। ऐसे में यह केवल एक सामान्य फंड रह जाएगा और महिला सुरक्षा उपायों के जमीनी परिदृश्य पर प्रभाव नहीं छोड़ पाएगा।
संसदीय समिति ने पाया कि एसिड अटैक, दुष्कर्म व मानव तस्करी आदि की शिकार महिलाओं को मुआवजा देने को केंद्रीय पीड़िता मुआवजा कोष (सीवीसीएफ) योजना के लिए अनुदान के रूप में एकमुश्त 200 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने वाली नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी संचालित परियोजनाओं की पहचान के लिए गंभीर कोशिशें करनी चाहिए। इनके क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त फंड की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
वर्ष 2013 में यूपीए सरकार ने की थी निर्भया फंड की स्थापना
गौरतलब है कि निर्भया फंड की स्थापना 2013 में कांग्रेस की अगुआई वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने की थी। इसका उद्देश्य देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाना है। दिल्ली में वर्ष 2012 में एक लड़की से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन और जनाक्रोश के बाद इस फंड की स्थापना की गई थी।