CAA के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में UN, MEA को ऐतराज, कहा- संवैधानिक तौर पर वैध है कानून

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने को भारत को लोकतांत्रिक देश बताया और कहा कि CAA भारत का आंतरिक मामला है और यह कानून संवैधानिक तौर पर वैध है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 03 Mar 2020 01:30 PM (IST) Updated:Tue, 03 Mar 2020 01:51 PM (IST)
CAA के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में UN,  MEA  को ऐतराज, कहा- संवैधानिक तौर पर वैध है कानून
CAA के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में UN, MEA को ऐतराज, कहा- संवैधानिक तौर पर वैध है कानून

नई दिल्‍ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने मंगलवार को ऐतराज जताया और कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। रवीश कुमार ने मंगलवार को भारत को लोकतांत्रिक देश बताया और कहा कि यहां कानून के अनुसार शासन चलता है। उन्होंने कहा, ‘यह भारत का आंतरिक मामला है और कानून बनाने के लिए भारतीय संसद के संप्रभु अधिकार है।’

मानवाधिकार के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र हाई कमिश्‍नर के कार्यालय ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून पर अपना हस्‍तक्षेप दर्ज कराया। इस बारे में जेनेवा में भारत के स्‍थायी मिशन को सूचित किया गया। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि CAA भारत का आंतरिक मामला है और इसपर कानून बनाना भारतीीय संसद का अधिकार है। 

उन्‍होंने कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून (CAA) संवैधानिक तौर पर वैध है, और यह संवैधानिक मूल्‍यों की तमाम आवश्‍यक शर्तों को पूरा करता है। यह भारत के बंटवारे की मुश्‍किल हालातों से उत्‍पन्‍न मानवाधिकारों के मुद्दों को लेकर लंबे समय से चली आ रही राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को पेश करता है।'

मानवाधिकार के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र हाई कमिश्‍नर के कार्यालय ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून पर अपना हस्‍तक्षेप दर्ज कराया। इस बारे में जेनेवा में भारत के स्‍थायी मिशन को सूचित किया गया। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि CAA भारत का आंतरिक मामला है और इसपर कानून बनाना भारतय संसद का अधिकार है।

UNHRC के उच्चायुक्त की ओर से यह जानकारी दी गई है। भारत ने इस पर ऐतराज जताया है। विदेश मंत्रालय का कहना है, 'यह भारत का आंतरिक मामला है। किसी भी विदेशी शक्ति के पास भारत की संप्रभुता से संबंधित मुद्दों पर हस्‍त्‍क्षेप करने का अधिकार नहीं है।‘ इस मुद्दे पर रवीश कुमार ने कहा, ' जेनेवा में हमारे स्थायी मिशन को कल शाम UNHRC के उच्चायुक्त ने जानकारी दी कि उनके कार्यालय ने 2019 नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।'

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